मोहाली। बच्चों को किताबों से जोड़ने और उनको पढ़ने की आदत डालने के लिए शिक्षा विभाग के थिंक टैंक ने इस बार एक नया प्रयास किया है, जिसके तहत इस बार जो विद्यार्थी छुट्टियों में सबसे अधिक किताब पड़ेगा। उसे छुट्टियों के बाद शिक्षा विभाग द्वारा सम्मानित किया जाएगा। साथ ही ऐसे बच्चों के नाम नोटिस बोर्ड पर लगाया जाएगा। ताकि अन्य बच्चों को भी इससे प्रेरणा मिल सके।
शिक्षा विभाग द्वारा गत वर्ष एक सर्वे कराया गया था। इसमें पता चला था कि बच्चों को छुट्टियों का काम दिया जाता है। उसे वे बोझ की तरह लेते हैं। इससे बच्चों का कोई फायदा नहीं होता। जिसके बाद विभाग ने इस बार छुट्टियों को दिए गए काम में बदलाव किया। जिसके मुताबिक क्लासवाइज बच्चों की क्षमताओं को देखकर काम दिया गया है। इसमें बच्चों की पढ़ने की आदत डालने के लिए बच्चों को विभिन्न कहानियों की किताबें दी गई हैं। इसमें उन्हें पढ़कर स्कूल जाना होगा। साथ ही टीचर द्वारा बच्चों से कहानियों से संबंधी प्रश्न पूछे जाएंगे। इसमें सही उत्तर देने वाले विद्यार्थी सम्मानित होंगे। साथ ही उन बच्चों के नाम नोटिस बोर्ड पर लगाए जाएंगे। विभाग की तरफ से स्कूलों को इस संबंध भेज दिए गए, जिसे सभी स्कूलों को अपने यहां लागू करना होगा। इसके अलावा बच्चों की लिखाई सुधारने के लिए उन्हें सुलेख आदि भी दिए गए हैं।
मोहाली। बच्चों को किताबों से जोड़ने और उनको पढ़ने की आदत डालने के लिए शिक्षा विभाग के थिंक टैंक ने इस बार एक नया प्रयास किया है, जिसके तहत इस बार जो विद्यार्थी छुट्टियों में सबसे अधिक किताब पड़ेगा। उसे छुट्टियों के बाद शिक्षा विभाग द्वारा सम्मानित किया जाएगा। साथ ही ऐसे बच्चों के नाम नोटिस बोर्ड पर लगाया जाएगा। ताकि अन्य बच्चों को भी इससे प्रेरणा मिल सके।
शिक्षा विभाग द्वारा गत वर्ष एक सर्वे कराया गया था। इसमें पता चला था कि बच्चों को छुट्टियों का काम दिया जाता है। उसे वे बोझ की तरह लेते हैं। इससे बच्चों का कोई फायदा नहीं होता। जिसके बाद विभाग ने इस बार छुट्टियों को दिए गए काम में बदलाव किया। जिसके मुताबिक क्लासवाइज बच्चों की क्षमताओं को देखकर काम दिया गया है। इसमें बच्चों की पढ़ने की आदत डालने के लिए बच्चों को विभिन्न कहानियों की किताबें दी गई हैं। इसमें उन्हें पढ़कर स्कूल जाना होगा। साथ ही टीचर द्वारा बच्चों से कहानियों से संबंधी प्रश्न पूछे जाएंगे। इसमें सही उत्तर देने वाले विद्यार्थी सम्मानित होंगे। साथ ही उन बच्चों के नाम नोटिस बोर्ड पर लगाए जाएंगे। विभाग की तरफ से स्कूलों को इस संबंध भेज दिए गए, जिसे सभी स्कूलों को अपने यहां लागू करना होगा। इसके अलावा बच्चों की लिखाई सुधारने के लिए उन्हें सुलेख आदि भी दिए गए हैं।