मोहाली। जिला अदालत में वीरवार को फिर दो गुट आमने-सामने हो गए। एक-दूसरे को घूरने से शुरू हुई बात कहासुनी तक जा पहुंची और हाथापाई की नौबत आई ही थी कि कोर्ट के बाहर मौजूद पीसीआर कर्मी पहुंच गए और उन्होंने दोनों गुटों को अलग करवाया। पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में लेकर थाना मटौर पहुंचाया, जहां शाम को समझौता हो गया।
पटियाला निवासी नवाब सिंह ने बताया कि एनआरआई सभा के प्रधान अमरजीत सिंह विर्क के प्रापर्टी विवाद में जीवन सिंह व हरप्रीत सिंह ने थाना फेज एक में मामला दर्ज करवाया था, जो अदालत में विचाराधीन है। दोनों ने उन्हें अटार्नी दी हुई है। वे केस के सिलसिले में आए थे। आरोप है कि तभी विर्क के रिश्तेदार भोला सिंह ने उनके साथियों व ड्राइवर गुरलाल सिंह से झगड़ा शुरू कर दिया। वहीं, भोला सिंह का कहना था कि इस मामले में अपिंदरजीत सिंह व सरविंदरजीत सिंह की गवाही थी। नवाब सिंह का ड्राइवर उन्हें बार-बार घूर रहा था। इसके बाद विवाद बढ़ा। पीसीआर इंचार्ज अतुल सोनी दोनों गुटों के कुछ लोगों को थाना मटौर ले गए, जहां दोनों गुटों द्वारा झगड़ा नहीं करने का लिखित पत्र सौंपने के बाद उन्हें छोड़ दिया गया।
मोहाली। जिला अदालत में वीरवार को फिर दो गुट आमने-सामने हो गए। एक-दूसरे को घूरने से शुरू हुई बात कहासुनी तक जा पहुंची और हाथापाई की नौबत आई ही थी कि कोर्ट के बाहर मौजूद पीसीआर कर्मी पहुंच गए और उन्होंने दोनों गुटों को अलग करवाया। पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में लेकर थाना मटौर पहुंचाया, जहां शाम को समझौता हो गया।
पटियाला निवासी नवाब सिंह ने बताया कि एनआरआई सभा के प्रधान अमरजीत सिंह विर्क के प्रापर्टी विवाद में जीवन सिंह व हरप्रीत सिंह ने थाना फेज एक में मामला दर्ज करवाया था, जो अदालत में विचाराधीन है। दोनों ने उन्हें अटार्नी दी हुई है। वे केस के सिलसिले में आए थे। आरोप है कि तभी विर्क के रिश्तेदार भोला सिंह ने उनके साथियों व ड्राइवर गुरलाल सिंह से झगड़ा शुरू कर दिया। वहीं, भोला सिंह का कहना था कि इस मामले में अपिंदरजीत सिंह व सरविंदरजीत सिंह की गवाही थी। नवाब सिंह का ड्राइवर उन्हें बार-बार घूर रहा था। इसके बाद विवाद बढ़ा। पीसीआर इंचार्ज अतुल सोनी दोनों गुटों के कुछ लोगों को थाना मटौर ले गए, जहां दोनों गुटों द्वारा झगड़ा नहीं करने का लिखित पत्र सौंपने के बाद उन्हें छोड़ दिया गया।