खरड़। जिले में कीमती कोठियों पर कब्जे कर हथियाने के मामले बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे ही एक मामले का अचानक खुलासा हुआ है। पुलिस द्वारा दुबई से भेजी गई शिकायत पर खरड़ स्थित कोठी की जांच की तो मामला कुछ और ही निकला। वहां एक दपति ने एक बुजुर्ग को बंधक बना रखा था, जिसे वह दोनों वक्त का खाना भी नहीं दे रहे थे। पुलिस द्वारा जिस बुजुर्ग को कोठी से मुक्त कराया और उसने जो कहानी बताई वह चौकाने वाली थी। खरड़ की कोठी पर कथित तौर पर कब्जा करने वाले दंपति ने इस बुजुर्ग की चंडीगढ़ स्थित कोठी को गुमराह करके बेच दिया था और राज खुलने के डर से उसे यहां बंधक बना रखा था।
स्थानीय पुलिस को दुबई निवासी एनआरआई दीपक जैसवाल ने एक शिकायत भेजी कि उसकी गिल्कों वैली में स्थित कोठी नंबर 943 पर रजिंदर सिंह नामक किराएदार ने कब्जा कर रखा है। उसके कब्जे से कोठी छुड़वाई जाए। जब पुलिस टीम इस कोठी पर जांच के लिए पहुंची, तो पता चला कि कोठी पर पिछले एक वर्ष से तालाबंद है। इसमें कभी -कभी कोई आता जाता है। संदेह हुआ तो पुलिस ने पड़ोसियों की मौजूदगी में उक्त कोठी की छत से अंदर दाखिल होकर देखा तो कोठी में एक बुजुर्ग पाया गया, जिसकी हालत नाजुक थी। वह भूख से तड़प रहा था।
पुलिस को 69 वर्षीय बुजुर्ग कुलवंत सिंह ने बताया कि रजिंदर सिंह एवं उसकी पत्नी पाल कौर ने उसे इस कोठी में एक साल से बंधक बनाकर रखा हुआ है। उसे कभी-कभी एक वक्त का खाना देने के लिए कोई आ जाता है। कई बार कई-कई दिन उसे भूखा रहना पड़ता है। उसने बताया कि उसकी पहचान लगभग सवा साल पहले रजिंदर सिंह से हुई थी। कुलवंत सिंह के परिवार में कोई नहीं है। पत्नी की मौत हो चुकी है व बेटियां शादीशुदा हैं। अकेला होने के कारण उसका रजिंदर सिंह से मेलजोल बढ़ गया। इसी दौरान रजिंदर सिंह को पता चला कुलवंत के नाम पर चंडीगढ़ के सेक्टर 40ए में कोठी नंबर 943 है। रजिंदर सिंह ने पत्नी पाल कौर को भी इस साजिश में शामिल कर लिया। उसने उससे (कुलवंत सिंह) से कहा कि उसकी कोठी को किराए पर दे देते हैं।
बुजुर्ग ने बताया कि आरोपियों ने उसे गुमराह कर उसकी कोठी बेच दी। इस बात का किसी को पता न चले बुजुर्ग को वह लोग गिल्को वैली स्थित उक्त किराए की कोठी में ले आए एवं उसे ताले में बंद कर दिया। दंपति कहीं ओर जाकर रहने लगे। पुलिस बुजुर्ग को थाने में ले आई एवं पहले उसे पेटभर खाना खिलाया। इसके बाद उसके बयानों पर आरोपियों के विरुद्ध बंधक बनाकर रखने तथा धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
सूचना पर डीएसपी खरड़ सुखदेव सिंह विर्क एवं थाना प्रभारी विजय कुमार ने मौके का दौरा किया और लोगों से पूछताछ की। विजय कुमार के अनुसार आरोपियों की तालाश जारी है। वहीं बुजुर्ग के रिश्तेदारों को भी सूचित किया गया है।
कैप्शन।
1केएचआर
कैद से छुड़ा गया बुजुर्ग।
एक बुजुर्ग को गुमराह कर एक वर्ष तक खरड़ के ही एक दंपति द्वारा बंधक बनाकर रखने का मामला सामने आया है। आरोपी दंपति ने बुजुर्ग की चंडीगढ़ स्थित एक कोठी बेचने के बाद राज खुल जाने के डर से उसे बंधक बनाया था। इन दिनों बुजुर्ग दाने-दाने को मोहताज होकर रह गया था। आरोपी दंपति उसे एक वक्त का खाना भी समय पर नहीं दे रहे थे।
खरड़। जिले में कीमती कोठियों पर कब्जे कर हथियाने के मामले बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे ही एक मामले का अचानक खुलासा हुआ है। पुलिस द्वारा दुबई से भेजी गई शिकायत पर खरड़ स्थित कोठी की जांच की तो मामला कुछ और ही निकला। वहां एक दपति ने एक बुजुर्ग को बंधक बना रखा था, जिसे वह दोनों वक्त का खाना भी नहीं दे रहे थे। पुलिस द्वारा जिस बुजुर्ग को कोठी से मुक्त कराया और उसने जो कहानी बताई वह चौकाने वाली थी। खरड़ की कोठी पर कथित तौर पर कब्जा करने वाले दंपति ने इस बुजुर्ग की चंडीगढ़ स्थित कोठी को गुमराह करके बेच दिया था और राज खुलने के डर से उसे यहां बंधक बना रखा था।
स्थानीय पुलिस को दुबई निवासी एनआरआई दीपक जैसवाल ने एक शिकायत भेजी कि उसकी गिल्कों वैली में स्थित कोठी नंबर 943 पर रजिंदर सिंह नामक किराएदार ने कब्जा कर रखा है। उसके कब्जे से कोठी छुड़वाई जाए। जब पुलिस टीम इस कोठी पर जांच के लिए पहुंची, तो पता चला कि कोठी पर पिछले एक वर्ष से तालाबंद है। इसमें कभी -कभी कोई आता जाता है। संदेह हुआ तो पुलिस ने पड़ोसियों की मौजूदगी में उक्त कोठी की छत से अंदर दाखिल होकर देखा तो कोठी में एक बुजुर्ग पाया गया, जिसकी हालत नाजुक थी। वह भूख से तड़प रहा था।
पुलिस को 69 वर्षीय बुजुर्ग कुलवंत सिंह ने बताया कि रजिंदर सिंह एवं उसकी पत्नी पाल कौर ने उसे इस कोठी में एक साल से बंधक बनाकर रखा हुआ है। उसे कभी-कभी एक वक्त का खाना देने के लिए कोई आ जाता है। कई बार कई-कई दिन उसे भूखा रहना पड़ता है। उसने बताया कि उसकी पहचान लगभग सवा साल पहले रजिंदर सिंह से हुई थी। कुलवंत सिंह के परिवार में कोई नहीं है। पत्नी की मौत हो चुकी है व बेटियां शादीशुदा हैं। अकेला होने के कारण उसका रजिंदर सिंह से मेलजोल बढ़ गया। इसी दौरान रजिंदर सिंह को पता चला कुलवंत के नाम पर चंडीगढ़ के सेक्टर 40ए में कोठी नंबर 943 है। रजिंदर सिंह ने पत्नी पाल कौर को भी इस साजिश में शामिल कर लिया। उसने उससे (कुलवंत सिंह) से कहा कि उसकी कोठी को किराए पर दे देते हैं।
बुजुर्ग ने बताया कि आरोपियों ने उसे गुमराह कर उसकी कोठी बेच दी। इस बात का किसी को पता न चले बुजुर्ग को वह लोग गिल्को वैली स्थित उक्त किराए की कोठी में ले आए एवं उसे ताले में बंद कर दिया। दंपति कहीं ओर जाकर रहने लगे। पुलिस बुजुर्ग को थाने में ले आई एवं पहले उसे पेटभर खाना खिलाया। इसके बाद उसके बयानों पर आरोपियों के विरुद्ध बंधक बनाकर रखने तथा धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
सूचना पर डीएसपी खरड़ सुखदेव सिंह विर्क एवं थाना प्रभारी विजय कुमार ने मौके का दौरा किया और लोगों से पूछताछ की। विजय कुमार के अनुसार आरोपियों की तालाश जारी है। वहीं बुजुर्ग के रिश्तेदारों को भी सूचित किया गया है।
कैप्शन।
1केएचआर
कैद से छुड़ा गया बुजुर्ग।
एक बुजुर्ग को गुमराह कर एक वर्ष तक खरड़ के ही एक दंपति द्वारा बंधक बनाकर रखने का मामला सामने आया है। आरोपी दंपति ने बुजुर्ग की चंडीगढ़ स्थित एक कोठी बेचने के बाद राज खुल जाने के डर से उसे बंधक बनाया था। इन दिनों बुजुर्ग दाने-दाने को मोहताज होकर रह गया था। आरोपी दंपति उसे एक वक्त का खाना भी समय पर नहीं दे रहे थे।