मोहाली। जिले के स्कूलों में रोजाना बच्चों को टीचर क्या पढ़ा रहे हैं। इस पर अब स्कूल प्रिंसिपल के साथ शिक्षा विभाग की नजर भी रहेगी। यह संभव होगा स्कूल टीचरों की रोजाना डायरी लिखने से। इसमें टीचरों द्वारा बच्चों को दिया जाने वाला सारा काम नोट होगा। विभाग ने स्कूलों को इससे संबंधित आदेश भेज दिए हैं। छुट्टियां खत्म होते ही इसे स्कूलों पर लागू कर दिया जाएगा।
जिला शिक्षा विभाग के थिंक टैंक ने यह योजना तैयार की है, जिसके मुताबिक अगर सरकारी स्कूलों के बच्चों का प्राइवेट स्कूलों के मुकाबले में तैयार करना है। तो उन्हें प्राइवेट स्कूलों पर पढ़ाने के तरीके शुरू करने होंगे। जिसके मुताबिक हर हफ्ते के शुरू में टीचर में एडवांस प्लान तैयार करेंगे। इसे वह बकायदा अपनी डायरी में नोट करेंगे। इसके बाद जब बच्चों को टीचर काम देंगे, तो उसे भी अपनी डायरी में नोट करेंगे। यह एडवंास प्लान किस प्रकार तैयार करना है। इसकी भी कॉपी स्कूलों को भेजी गई हैं। विभाग ने स्कूलों को साफ हिदायत दी है कि डायरी स्कूलों को लगानी होगी। हर हफ्ते स्कूल प्रिंसिपलों को डायरी चेक भी करनी होगी। साथ ही बच्चों की कक्षा में पढ़ाई कैसे हो रही है। इस पर भी ध्यान देना होगा। गौतरलब है कि इससे पहले शिक्षा विभाग ने सारे सिलेबस को महीनों में बांट दिया था। जिसके मुताबिक पूरे राज्य में हर महीने पढ़ाया जाने वाला सिलेबस सेम होता है। इसका सबसे ज्यादा फायदा स्टूडेंट्स और टीचरों का ही है। क्योंकि अगर वे किसी दूसरे स्कूल में जाते हैं, तो उन्हें इससे पढ़ाई में समस्या नहीं आती है।
मोहाली। जिले के स्कूलों में रोजाना बच्चों को टीचर क्या पढ़ा रहे हैं। इस पर अब स्कूल प्रिंसिपल के साथ शिक्षा विभाग की नजर भी रहेगी। यह संभव होगा स्कूल टीचरों की रोजाना डायरी लिखने से। इसमें टीचरों द्वारा बच्चों को दिया जाने वाला सारा काम नोट होगा। विभाग ने स्कूलों को इससे संबंधित आदेश भेज दिए हैं। छुट्टियां खत्म होते ही इसे स्कूलों पर लागू कर दिया जाएगा।
जिला शिक्षा विभाग के थिंक टैंक ने यह योजना तैयार की है, जिसके मुताबिक अगर सरकारी स्कूलों के बच्चों का प्राइवेट स्कूलों के मुकाबले में तैयार करना है। तो उन्हें प्राइवेट स्कूलों पर पढ़ाने के तरीके शुरू करने होंगे। जिसके मुताबिक हर हफ्ते के शुरू में टीचर में एडवांस प्लान तैयार करेंगे। इसे वह बकायदा अपनी डायरी में नोट करेंगे। इसके बाद जब बच्चों को टीचर काम देंगे, तो उसे भी अपनी डायरी में नोट करेंगे। यह एडवंास प्लान किस प्रकार तैयार करना है। इसकी भी कॉपी स्कूलों को भेजी गई हैं। विभाग ने स्कूलों को साफ हिदायत दी है कि डायरी स्कूलों को लगानी होगी। हर हफ्ते स्कूल प्रिंसिपलों को डायरी चेक भी करनी होगी। साथ ही बच्चों की कक्षा में पढ़ाई कैसे हो रही है। इस पर भी ध्यान देना होगा। गौतरलब है कि इससे पहले शिक्षा विभाग ने सारे सिलेबस को महीनों में बांट दिया था। जिसके मुताबिक पूरे राज्य में हर महीने पढ़ाया जाने वाला सिलेबस सेम होता है। इसका सबसे ज्यादा फायदा स्टूडेंट्स और टीचरों का ही है। क्योंकि अगर वे किसी दूसरे स्कूल में जाते हैं, तो उन्हें इससे पढ़ाई में समस्या नहीं आती है।