न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जालंधर (पंजाब)
Published by: ajay kumar
Updated Wed, 07 Apr 2021 01:36 AM IST
पंजाब के जालंधर स्थित गांधी वनिता आश्रम से आठ मार्च को भागी 46 लड़कियों के मामले की जांच के दौरान अधिकतर लड़कियों ने एक सुर में कहा है कि मैडम जी! हमें घर नहीं जाना, हमें आश्रम में नहीं रहना, हमें ससुराल भेज दो। प्रशासन के सामने दिक्कत यह है कि अधिकतर लड़कियां नाबालिग हैं और उनकी शादी भी नहीं हो सकती है। कुछ लड़कियों को उनके माता-पिता के घर भेजने के लिए कहा गया, इस पर न तो उनके परिजन उन्हें ले जाने को तैयार हैं और न ही कोई लड़की माता-पिता के घर जाना चाहती हैं।
जांच अधिकारी और सामाजिक सुरक्षा महिला एवं बाल विकास विभाग की निदेशक विम्मी भुल्लर का कहना है कि आश्रम में लड़कियों को क्या परेशानी थी, इसकी जांच करने वे आश्रम में गई थीं। जांच में एक ही बात सामने आई कि वह आश्रम में अकेली रहती हैं, इस वजह से उनका मन आश्रम में नहीं लगता है। लड़कियां अपने ससुराल जाना चाहती हैं।
जिक्रयोग है कि गांधी वनिता आश्रम से आठ मार्च की देर शाम अचानक 83 में से 46 लड़कियां गेट का दरवाजा और ताला तोड़कर भाग गई थीं। आश्रम कर्मचारियों की सूचना पर देर रात तक पुलिस ने सभी को पकड़ लिया था और वापस गांधी वनिता आश्रम में भेज दिया था। इस घटना के तीन दिन बाद 15 लड़कियां दोबारा एक-दूसरे से भिड़ गई थीं। जिससे माहौल तनाव भरा हो गया था। डिप्टी कमिश्नर घनश्याम थोरी ने मामले की जांच के आदेश दिए थे। वहीं सामाजिक सुरक्षा व बाल विकास विभाग की निदेशक विम्मी भुल्लर भी जांच कर रही थीं।
पंजाब के जालंधर स्थित गांधी वनिता आश्रम से आठ मार्च को भागी 46 लड़कियों के मामले की जांच के दौरान अधिकतर लड़कियों ने एक सुर में कहा है कि मैडम जी! हमें घर नहीं जाना, हमें आश्रम में नहीं रहना, हमें ससुराल भेज दो। प्रशासन के सामने दिक्कत यह है कि अधिकतर लड़कियां नाबालिग हैं और उनकी शादी भी नहीं हो सकती है। कुछ लड़कियों को उनके माता-पिता के घर भेजने के लिए कहा गया, इस पर न तो उनके परिजन उन्हें ले जाने को तैयार हैं और न ही कोई लड़की माता-पिता के घर जाना चाहती हैं।
जांच अधिकारी और सामाजिक सुरक्षा महिला एवं बाल विकास विभाग की निदेशक विम्मी भुल्लर का कहना है कि आश्रम में लड़कियों को क्या परेशानी थी, इसकी जांच करने वे आश्रम में गई थीं। जांच में एक ही बात सामने आई कि वह आश्रम में अकेली रहती हैं, इस वजह से उनका मन आश्रम में नहीं लगता है। लड़कियां अपने ससुराल जाना चाहती हैं।
जिक्रयोग है कि गांधी वनिता आश्रम से आठ मार्च की देर शाम अचानक 83 में से 46 लड़कियां गेट का दरवाजा और ताला तोड़कर भाग गई थीं। आश्रम कर्मचारियों की सूचना पर देर रात तक पुलिस ने सभी को पकड़ लिया था और वापस गांधी वनिता आश्रम में भेज दिया था। इस घटना के तीन दिन बाद 15 लड़कियां दोबारा एक-दूसरे से भिड़ गई थीं। जिससे माहौल तनाव भरा हो गया था। डिप्टी कमिश्नर घनश्याम थोरी ने मामले की जांच के आदेश दिए थे। वहीं सामाजिक सुरक्षा व बाल विकास विभाग की निदेशक विम्मी भुल्लर भी जांच कर रही थीं।