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जालंधर। जसबीर सिंह शेरगिल को एनआरआई सभा का प्रधान चुन लिया गया है। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी मौजूदा प्रधान कमलजीत हेयर को 197 वोटों से हराया। शेरगिल ने अपनी जीत को तमाम एनआरआई की जीत करार दिया है।
एनआरआई सभा के चुनाव में जसबीर सिंह शेरगिल, पूर्व प्रधान प्रीतम सिंह नारंगपुर व प्रधान कमलजीत हेयर मैदान में थे। त्रिकोणीय मुकाबले का फायदा जसबीर सिंह शेरगिल को मिला। कुल 12 राऊंड मतगणना की गई।
रविवार सुबह से ही एनआरआईज मतदाता पोलिंग बूथ पर पहुंचने शुरू हो गए थे। एनआरआई सभा के चुनावों के लिए कुल 19 हजार वोटरों की सूची तैयार की गई थी लेकिन 1624 एनआरआई ने ही अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इसमें से 55 वोट रिजेक्ट कर दिए गए। मतगणना के बाद घोषित परिणाम में प्रीतम सिंह नारंगपुर को 452, कमलजीत हेयर को 460 व जसबीर सिंह शेरगिल को 657 वोट मिलन की घोषणा की गई। एनआरआई सभा के बाहर जैसे ही शेरगिल के जीतने की सूचना पहुंची तो उनके समर्थकों ने तो जोरदार जश्न मनाया। समर्थकों ने शेरगिल को कंधों पर उठा लिया। कमलजीत हेयर ने जसबीर सिंह शेरगिल को मुबारकबाद दी।
शुरूआती तीन राऊंड में कमलजीत हेयर आगे चल रहे थे, लेकिन चौथे राऊंड में जसबीर सिंह शेरगिल को 447 वोट मिले और उन्होंने लीड हासिल कर ली। जो अंत तक बरकरार रही। शेरगिल को चौथे राऊंड में मिली अंतिम समय तक टूट नहीं पाई। नौवें राऊंड में कपूरथला व फगवाड़ा के इलाके की गिनती शुरू हुई तो नारंगपुर को 280 में 194 वोट आए। यह जिला बीबी जागीर कौर का है, जो प्रीतम सिंह नारंगपुर की मदद कर रही थीं। एडीसी कम चुनाव अधिकारी पुनीत भारद्वाज ने शेरगिल को जीत का सर्टिफिकेट देकर मुबारकबाद दी।
बाक्स
हाईकोर्ट में होगा चैलेंज
हेयर ने कहा कि शेरगिल ने खाड़ी देशों में काम करने वाले लोगों की वोट बनाकर उनकी फीस के 30 लाख रुपये अपनी जेब से जमा कराए हैं। वह हाईकोर्ट में चुनाव को चैलेंज करेंगे। यह चुनाव धक्के से व पैसे के बल पर जीता गया है।
खाड़ी देशों में रहने वाले भी एनआरआई हैं
जीत के बाद जसबीर सिंह शेरगिल ने कहा खाड़ी देशों में रहने वाले क्या नॉन रेजिटेंड इंडियन नहीं है? वहां पर भी बड़े-बड़े बिजनेसमैन हैं, जो कई-कई साल भारत से बाहर रहते हैं क्या उनके परिवारों को या उनको समस्या नहीं आ सकती? उन्होंने कहा एनआरआई सभा के पिछले कार्यकाल पर वह कोई टिप्पणी नहीं करेंगे लेकिन पिछले कार्यकाल में सरकार व एनआरआई सभा के बीच काफी दूरियां रही हैं। यह सभा सरकार द्वारा चलाई जा रही है और अब सरकार की शक्तियां मांगने के लिए वह कदम उठाएंगे ताकि एनआरआईज को पंजाब में इंसाफ मिल सके।
जालंधर। जसबीर सिंह शेरगिल को एनआरआई सभा का प्रधान चुन लिया गया है। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी मौजूदा प्रधान कमलजीत हेयर को 197 वोटों से हराया। शेरगिल ने अपनी जीत को तमाम एनआरआई की जीत करार दिया है।
एनआरआई सभा के चुनाव में जसबीर सिंह शेरगिल, पूर्व प्रधान प्रीतम सिंह नारंगपुर व प्रधान कमलजीत हेयर मैदान में थे। त्रिकोणीय मुकाबले का फायदा जसबीर सिंह शेरगिल को मिला। कुल 12 राऊंड मतगणना की गई।
रविवार सुबह से ही एनआरआईज मतदाता पोलिंग बूथ पर पहुंचने शुरू हो गए थे। एनआरआई सभा के चुनावों के लिए कुल 19 हजार वोटरों की सूची तैयार की गई थी लेकिन 1624 एनआरआई ने ही अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इसमें से 55 वोट रिजेक्ट कर दिए गए। मतगणना के बाद घोषित परिणाम में प्रीतम सिंह नारंगपुर को 452, कमलजीत हेयर को 460 व जसबीर सिंह शेरगिल को 657 वोट मिलन की घोषणा की गई। एनआरआई सभा के बाहर जैसे ही शेरगिल के जीतने की सूचना पहुंची तो उनके समर्थकों ने तो जोरदार जश्न मनाया। समर्थकों ने शेरगिल को कंधों पर उठा लिया। कमलजीत हेयर ने जसबीर सिंह शेरगिल को मुबारकबाद दी।
शुरूआती तीन राऊंड में कमलजीत हेयर आगे चल रहे थे, लेकिन चौथे राऊंड में जसबीर सिंह शेरगिल को 447 वोट मिले और उन्होंने लीड हासिल कर ली। जो अंत तक बरकरार रही। शेरगिल को चौथे राऊंड में मिली अंतिम समय तक टूट नहीं पाई। नौवें राऊंड में कपूरथला व फगवाड़ा के इलाके की गिनती शुरू हुई तो नारंगपुर को 280 में 194 वोट आए। यह जिला बीबी जागीर कौर का है, जो प्रीतम सिंह नारंगपुर की मदद कर रही थीं। एडीसी कम चुनाव अधिकारी पुनीत भारद्वाज ने शेरगिल को जीत का सर्टिफिकेट देकर मुबारकबाद दी।
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हाईकोर्ट में होगा चैलेंज
हेयर ने कहा कि शेरगिल ने खाड़ी देशों में काम करने वाले लोगों की वोट बनाकर उनकी फीस के 30 लाख रुपये अपनी जेब से जमा कराए हैं। वह हाईकोर्ट में चुनाव को चैलेंज करेंगे। यह चुनाव धक्के से व पैसे के बल पर जीता गया है।
खाड़ी देशों में रहने वाले भी एनआरआई हैं
जीत के बाद जसबीर सिंह शेरगिल ने कहा खाड़ी देशों में रहने वाले क्या नॉन रेजिटेंड इंडियन नहीं है? वहां पर भी बड़े-बड़े बिजनेसमैन हैं, जो कई-कई साल भारत से बाहर रहते हैं क्या उनके परिवारों को या उनको समस्या नहीं आ सकती? उन्होंने कहा एनआरआई सभा के पिछले कार्यकाल पर वह कोई टिप्पणी नहीं करेंगे लेकिन पिछले कार्यकाल में सरकार व एनआरआई सभा के बीच काफी दूरियां रही हैं। यह सभा सरकार द्वारा चलाई जा रही है और अब सरकार की शक्तियां मांगने के लिए वह कदम उठाएंगे ताकि एनआरआईज को पंजाब में इंसाफ मिल सके।