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जालंधर। सेंट्रल टाऊन इलाके में एक पेड़ पर चाइना डोर में फंसी चील को करीब 16 घंटे बाद निकाला जा सका। डोर से चील के शरीर में कई जगह जख्म हो गए हैं।
26 जनवरी को दोपहर बाद करीब 40 फुट ऊंचे पेड़ पर पतंग की चाइना डोर में यह चील फंस गई। चील की चीखें इतनी तेज थीं कि आसपास के इलाके के लोग पार्क में पहुंचकर जमा हो गए। सेंट्रल टाऊन के इस पार्क में कई पुराने पेड़ हैं, जो टेड़े हो चुके हैं। इन्हीं में से एक में यह चील फंसी थी। मौके पर पहुंचे युवा नेता अशोक सरीन ने इस घटना के बारे में डीसी श्रुति सिंह को फोन पर जानकारी दी। उसके बाद इसकी जानकारी वन विभाग को दी गई। वन विभाग के कर्मचारियों के पास ऐसा कोई साधन नहीं था कि वह 40 फीट ऊंचे पेड़ पर चढ़ पाते। वह काफी कोशिश के बाद भी 20 फुट से ऊपर नहीं जा सके। इसके बाद मामले की जानकारी मेयर सुनील ज्योति और फायर ब्रिगेड टीम को दी गई। मौके पर फायर ब्रिगेड की तीन गाड़ियां पहुंचीं मगर तीनों के पास इतनी लंबी सीढ़ी नहीं थी कि चील को उतारा जा सके। तब तीनों सीढ़ियों को आपस में जोड़ा गया। तब तक रात के एक बज चुके थे। इस पर यह ऑपरेशन रविवार सुबह तक के लिए रोक दिया गया। रविवार सुबह छह बजे फिर से निगम के अधिकारी जमा हुए और चील को उतारा गया।
जालंधर। सेंट्रल टाऊन इलाके में एक पेड़ पर चाइना डोर में फंसी चील को करीब 16 घंटे बाद निकाला जा सका। डोर से चील के शरीर में कई जगह जख्म हो गए हैं।
26 जनवरी को दोपहर बाद करीब 40 फुट ऊंचे पेड़ पर पतंग की चाइना डोर में यह चील फंस गई। चील की चीखें इतनी तेज थीं कि आसपास के इलाके के लोग पार्क में पहुंचकर जमा हो गए। सेंट्रल टाऊन के इस पार्क में कई पुराने पेड़ हैं, जो टेड़े हो चुके हैं। इन्हीं में से एक में यह चील फंसी थी। मौके पर पहुंचे युवा नेता अशोक सरीन ने इस घटना के बारे में डीसी श्रुति सिंह को फोन पर जानकारी दी। उसके बाद इसकी जानकारी वन विभाग को दी गई। वन विभाग के कर्मचारियों के पास ऐसा कोई साधन नहीं था कि वह 40 फीट ऊंचे पेड़ पर चढ़ पाते। वह काफी कोशिश के बाद भी 20 फुट से ऊपर नहीं जा सके। इसके बाद मामले की जानकारी मेयर सुनील ज्योति और फायर ब्रिगेड टीम को दी गई। मौके पर फायर ब्रिगेड की तीन गाड़ियां पहुंचीं मगर तीनों के पास इतनी लंबी सीढ़ी नहीं थी कि चील को उतारा जा सके। तब तीनों सीढ़ियों को आपस में जोड़ा गया। तब तक रात के एक बज चुके थे। इस पर यह ऑपरेशन रविवार सुबह तक के लिए रोक दिया गया। रविवार सुबह छह बजे फिर से निगम के अधिकारी जमा हुए और चील को उतारा गया।