दसूहा (होशियारपुर)। रविवार सुबह दसूहा के विधायक व मुख्य संसदीय सचिव (राजस्व) अमरजीत साही के के निधन की खबर जैसे ही दसूहा पहुंची, कस्बे में शोक छा गया। लोग अपनी दुकानें, व्यापारिक प्रतिष्ठान और बाजार बंद कर स्व. साही के पेट्रोल पंप पर पहुंचने लगे। इलाके में खुशनुमा चेहरे और जनवादी व्यक्तित्व के लिए पहचाने जाने वाले अमरजीत साही का इस तरह जाना भाजपा और शहर वासियों के लिए एक बड़ा झटका है। 15 अक्तूबर 1957 को अमृतसर में जन्मे साही दसूहा के गांव छांगला के रहने वाले थे।
साही ने दसवीं तक की शिक्षा देहरादून से ग्रहण की। 19 नवंबर 1980 को उनकी शादी गांव हरदोथला की निवासी सुखजीत कौर के साथ हुई। पूर्व मंत्री रमेश डोगरा के साथी रहे साही ने 1980 में कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर पंचायत समिति का सदस्य बन कर अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत की। इसके बाद 1983 में वह अपने पैतृक गांव छांगला से ही सरपंच चुने गए। इसके बाद दसूहा के वार्ड नंबर 6 से कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर वह पार्षद चुने गए। इसके बाद कांग्रेस से अनबन होने के चलते वह आजाद प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ कर दूसरी बार पार्षद बने। 2007 में तत्कालीन भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के प्रयासों से वह भाजपा में आए और उन्हें विधानसभा चुनाव में उतारा गया, जिसमें उन्होंने अपने राजनीतिक गुरु रहे रमेश डोगरा को हराकर सभी को हैरत में डाल दिया। साही को तब सीपीएस भी बनाया गया। वहीं इसी साल हुए विधानसभा चुनावों में उन्हें दोबारा भाजपा का टिकट मिला और वह विधायक चुने गए। इस बार उन्हें राजस्व विभाग की मुख्य संसदीय सचिव नियुक्त किया गया था। साही के निधन की खबर पाकर विभिन्न राजनीतिक, सामाजिक व धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधि उनके निवास पर जमा होने लगे। पूर्व मंत्री रमेश डोगरा ने कहा कि साही उनके लिए छोटे भाई के समान थे। उनके निधन से उन्हें गहरा आघात पहुंचा है। राज्यसभा सांसद अविनाश राय खन्ना, सांसद संतोष चौधरी सहित विभिन्न नेता साही के निवास पर पहुंचे और उनके परिजनों से संवेदना व्यक्त की। इस बीच साही का शव दसूहा पहुंचा तो भारी जनसमूह उनके अंतिम दर्शरों के लिए उमड़ पड़ा। साही के शव को उनके निवास पर अंतिम दर्शनों के लिए रखा गया है। सोमवार को उनके भाई के अमेरिका से पहुंचने पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।