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संगरूर। पंजाब के वित्त मंत्री परमिंदर सिंह ढींढसा की कोठी का घेराव करने जा रहे बेरोजगार लाइनमैनों पर पुलिस ने लाठियां बरसा दीं। पुलिस ने प्रदर्शन में शामिल लड़कियों को भी नहीं बख्शा। यूनियन ने चेतावनी दी है कि गणतंत्र दिवस पर सीएम को राष्ट्रीय ध्वज नहीं फहराने दिया जाएगा। बेरोजगार लाइनमैन अपनी नियुक्तियों की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे।
इससे पहले यूनियन के अध्यक्ष गुरबख्शीश सिंह छन्ना ने बताया कि यूनियन पिछले लंबे अर्से से लाइनमैन पद पर भर्ती के लिए संघर्ष कर रही है। हालांकि 14 जनवरी 2011 को पांच हजार लाइनमैन भर्ती करने का विज्ञापन भी जारी किया गया था। लेकिन गत दो वर्षों से सरकार व पावरकाम मैनेजमेंट जानबूझ कर भर्ती को कोर्ट केसों में उलझा रही है। उन्होंने कहा कि बेरोजगार लाइनमैन अपना हक लेकर रहेंगे चाहे इसके लिए कोई भी कुर्बानी क्यों न देनी पड़े। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों को नजरअंदाज किया गया तो गणतंत्र दिवस पर मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को राष्ट्रीय ध्वज फहराने नहीं देंगे।
इसके बाद जब प्रदर्शनकारी ढींढसा की कोठी की तरफ बढ़े तो पुलिस ने उन्हें खदेड़ने के लिए लाठीचार्ज कर दिया। इस दौरान लड़कियों को भी नहीं बख्शा गया। लड़कियों को पीटने के साथ साथ बालों से पकड़कर घसीटा गया और उनकी चुनरियां खीची गईं। यहां तक कि एक पुलिस अधिकारी ने लड़कियों के थप्पड़ भी मारे।घटना की आलोचना करते हुए यूनियन के अध्यक्ष ने कहा कि सरकार लाठी के बल पर बेरोजगार लाइनमैनों की आवाज नहीं दबा सकती। सरकार के हर अत्याचार का डटकर सामना किया जाएगा और सरकार को ईंट का जवाब पत्थर से दिया जाएगा।
इस मौके पर यूनियन के जिला उपाध्यक्ष जतिंद्र सिंह झलूर, पीआरटीसी वर्कर यूनियन आजाद के प्रदेश महासचिव रुपिन्द्र रोगला, हरप्रीत कौर बडरूखां, गुरबख्शीश सिंह आदि हाजिर थे।
संगरूर। पंजाब के वित्त मंत्री परमिंदर सिंह ढींढसा की कोठी का घेराव करने जा रहे बेरोजगार लाइनमैनों पर पुलिस ने लाठियां बरसा दीं। पुलिस ने प्रदर्शन में शामिल लड़कियों को भी नहीं बख्शा। यूनियन ने चेतावनी दी है कि गणतंत्र दिवस पर सीएम को राष्ट्रीय ध्वज नहीं फहराने दिया जाएगा। बेरोजगार लाइनमैन अपनी नियुक्तियों की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे।
इससे पहले यूनियन के अध्यक्ष गुरबख्शीश सिंह छन्ना ने बताया कि यूनियन पिछले लंबे अर्से से लाइनमैन पद पर भर्ती के लिए संघर्ष कर रही है। हालांकि 14 जनवरी 2011 को पांच हजार लाइनमैन भर्ती करने का विज्ञापन भी जारी किया गया था। लेकिन गत दो वर्षों से सरकार व पावरकाम मैनेजमेंट जानबूझ कर भर्ती को कोर्ट केसों में उलझा रही है। उन्होंने कहा कि बेरोजगार लाइनमैन अपना हक लेकर रहेंगे चाहे इसके लिए कोई भी कुर्बानी क्यों न देनी पड़े। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों को नजरअंदाज किया गया तो गणतंत्र दिवस पर मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को राष्ट्रीय ध्वज फहराने नहीं देंगे।
इसके बाद जब प्रदर्शनकारी ढींढसा की कोठी की तरफ बढ़े तो पुलिस ने उन्हें खदेड़ने के लिए लाठीचार्ज कर दिया। इस दौरान लड़कियों को भी नहीं बख्शा गया। लड़कियों को पीटने के साथ साथ बालों से पकड़कर घसीटा गया और उनकी चुनरियां खीची गईं। यहां तक कि एक पुलिस अधिकारी ने लड़कियों के थप्पड़ भी मारे।घटना की आलोचना करते हुए यूनियन के अध्यक्ष ने कहा कि सरकार लाठी के बल पर बेरोजगार लाइनमैनों की आवाज नहीं दबा सकती। सरकार के हर अत्याचार का डटकर सामना किया जाएगा और सरकार को ईंट का जवाब पत्थर से दिया जाएगा।
इस मौके पर यूनियन के जिला उपाध्यक्ष जतिंद्र सिंह झलूर, पीआरटीसी वर्कर यूनियन आजाद के प्रदेश महासचिव रुपिन्द्र रोगला, हरप्रीत कौर बडरूखां, गुरबख्शीश सिंह आदि हाजिर थे।