फरीदकोट/मुक्तसर। मेला माघी के दौरान मुक्तसर से गिरफ्तार अपने साथियों और पारिवारिक सदस्यों को रिहा न किए जाने से बेरोजगार लाइनमैन यूनियन का गुस्सा भड़क उठा है। उन्होंने फरीदकोट जेल में जारी भूखहड़ताल को मरणव्रत में तब्दील कर दिया है। 24 जनवरी को यूनियन के साथ हुए समझौते के तहत इन्हें सोमवार को रिहा किया जाना था लेकिन सरकार की तरफ से कोई पहल न किए जाने से मुक्तसर अदालत ने उनकी न्यायिक अवधि 11 फरवरी तक बढ़ा दी है। बेरोजगार लाइनमैन यूनियन जिला मुक्तसर के प्रधान अमृतपाल सिंह और जिला फरीदकोट के प्रधान हरप्रीत सिंह मढ़ाक ने रोष जताया कि माघी मेले के दौरान सीएम से रोजगार की मांग कर रहे बेरोजगार लाइनमैनों और उनके पारिवारिक सदस्यों पर लाठीचार्ज किया गया और 31 बेरोजगारों समेत उनके परिवार से संबंधित दो बुजुर्गों, 24 महिलाओं और दो मासूम बच्चों को झूठे केस दर्ज करके फरीदकोट जेल भेज दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार व पावरकॉम ने पिछले दो साल से पांच हजार लाइनमैनों की भर्ती प्रक्रिया को उलझा रखा है और अभी तक सिर्फ एक हजार को ही नियुक्ति पत्र दिए गए हैं। चार हजार को नियुक्ति पत्र देने की मांग को लेकर चल रहे तीखे संघर्ष के चलते 24 जनवरी को चंडीगढ़ में सरकार व पावरकॉम के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में तय हुआ था कि 28 जनवरी को चार हजार बेरोजगारों को नियुक्ति पत्र जारी कर दिए जाएंगे और जेल में बंद साथियों को भी बिना शर्त रिहा किया जाएगा। लेकिन सोमवार को पेशी के दौरान सरकार ने कोई पहलकदमी नहीं दिखाई और साथियों को दोबारा जेल में भेज दिया गया। यूनियन नेताओं ने कहा कि सरकार की इस वादाखिलाफी को लेकर पिछले 14 दिनों से जेल में जारी बेरोजगार लाइनमैनों व पारिवारिक सदस्यों ने अपनी भूखहड़ताल को मरणव्रत में तबदील कर दिया है। यदि किसी सदस्य का जानी नुकसान हुआ तो उसकी जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी। बेरोजगारों और उनके पारिवारिक सदस्यों ने सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करते हुए राज्य भर में एक बड़ा आंदोलन शुरू करने का भी ऐलान किया है। इस मौके पर रजनीश मक्कड़, सुंदर सिंह दोदा, खेम प्रकाश, परमिंदर सिंह, देसराज, हरविंदर सिंह हैप्पी, प्रमाण खारा और जगदीप सिंह झाड़ीवाला आदि हाजिर हुए। --------
फरीदकोट/मुक्तसर। मेला माघी के दौरान मुक्तसर से गिरफ्तार अपने साथियों और पारिवारिक सदस्यों को रिहा न किए जाने से बेरोजगार लाइनमैन यूनियन का गुस्सा भड़क उठा है। उन्होंने फरीदकोट जेल में जारी भूखहड़ताल को मरणव्रत में तब्दील कर दिया है। 24 जनवरी को यूनियन के साथ हुए समझौते के तहत इन्हें सोमवार को रिहा किया जाना था लेकिन सरकार की तरफ से कोई पहल न किए जाने से मुक्तसर अदालत ने उनकी न्यायिक अवधि 11 फरवरी तक बढ़ा दी है।
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बेरोजगार लाइनमैन यूनियन जिला मुक्तसर के प्रधान अमृतपाल सिंह और जिला फरीदकोट के प्रधान हरप्रीत सिंह मढ़ाक ने रोष जताया कि माघी मेले के दौरान सीएम से रोजगार की मांग कर रहे बेरोजगार लाइनमैनों और उनके पारिवारिक सदस्यों पर लाठीचार्ज किया गया और 31 बेरोजगारों समेत उनके परिवार से संबंधित दो बुजुर्गों, 24 महिलाओं और दो मासूम बच्चों को झूठे केस दर्ज करके फरीदकोट जेल भेज दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार व पावरकॉम ने पिछले दो साल से पांच हजार लाइनमैनों की भर्ती प्रक्रिया को उलझा रखा है और अभी तक सिर्फ एक हजार को ही नियुक्ति पत्र दिए गए हैं। चार हजार को नियुक्ति पत्र देने की मांग को लेकर चल रहे तीखे संघर्ष के चलते 24 जनवरी को चंडीगढ़ में सरकार व पावरकॉम के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में तय हुआ था कि 28 जनवरी को चार हजार बेरोजगारों को नियुक्ति पत्र जारी कर दिए जाएंगे और जेल में बंद साथियों को भी बिना शर्त रिहा किया जाएगा। लेकिन सोमवार को पेशी के दौरान सरकार ने कोई पहलकदमी नहीं दिखाई और साथियों को दोबारा जेल में भेज दिया गया। यूनियन नेताओं ने कहा कि सरकार की इस वादाखिलाफी को लेकर पिछले 14 दिनों से जेल में जारी बेरोजगार लाइनमैनों व पारिवारिक सदस्यों ने अपनी भूखहड़ताल को मरणव्रत में तबदील कर दिया है। यदि किसी सदस्य का जानी नुकसान हुआ तो उसकी जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी। बेरोजगारों और उनके पारिवारिक सदस्यों ने सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करते हुए राज्य भर में एक बड़ा आंदोलन शुरू करने का भी ऐलान किया है। इस मौके पर रजनीश मक्कड़, सुंदर सिंह दोदा, खेम प्रकाश, परमिंदर सिंह, देसराज, हरविंदर सिंह हैप्पी, प्रमाण खारा और जगदीप सिंह झाड़ीवाला आदि हाजिर हुए।
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