फरीदकोट। बाबा फरीद मेडिकल यूनिवर्सिटी की 20 मई रविवार को होने वाली पीएमईटी परीक्षा को लेकर पीएमईटी-2008 प्रकरण की जांच कर रही एसआईटी भी पूरी तरह सरगर्म हो चुकी है और उसने इस मामले में भगौड़े चल रहे दलालों व मेडिकल विद्यार्थियों की धरपकड़ के लिए परीक्षा केंद्रों पर विशेष नजर रखने का फैसला किया हैं।
वर्ष 2008 में पटियाला में हुई पीएमईटी परीक्षा के दौरान 22 परीक्षार्थियों ने कुछ दलालों के माध्यम से अपनी जगह दूसरे से परीक्षा दिलवाई थी लेकिन मौके पर हुई वीडियोग्राफी के चलते उसकी चाल पकड़ में आ गई। उच्च न्यायालय के निर्देश पर इस मामले की जांच के लिए एलके यादव (वर्तमान में डीआईजी पटियाला रेंज)की अगुवाई में एसआईटी का गठन किया गया। इस टीम ने विभिन्न प्रदेशों के मेडिकल विद्यार्थियों व दलालों को पकड़ते हुए गोरखधंधे से पर्दा उठाया। अब तक इस मामले में कुल 56 आरोपी पकड़े जा चुके हैं जबकि एक परीक्षार्थी समेत परीक्षा देने वाले 12-13 मेडिकल विद्यार्थियों व 7-8 दलालों की अभी भी तलाश जारी हैं। एसआईटी का विचार हैं कि पीएमईटी परीक्षा के दौरान ही ऐसे तत्व सरगर्म होते हैं और ऐसे समय पर ही उन्हें आसानी से पकड़ा जा सकता हैं। टीम ने भगोड़े आरोपियों की पहचान के लिए पीएमईटी परीक्षा के लिए पहुंचने वाले परीक्षार्थियों व उनके अभिभावकों की भी मदद लेने का फैसला किया हैं जिसके तहत टीम की तरफ से हर परीक्षा केंद्र के बाहर भगौड़े आरोपियों की फोटो लगे बोर्ड लगा दिए गए हैं। एसआईटी के सदस्य इंस्पेक्टर गुरजीत सिंह रोमाणा व एएसआई सुखदर्शन शर्मा ने पीएमईटी 2008 का प्रकरण की वजह से हर वर्ष ही पीएमईटी पर विशेष नजर रखी जाती हैं और इस बार भगौड़े आरोपियों के संदर्भ में जानकारी जुटाने का प्रयास किया जाएगा ताकि उन्हें पकड़ कर सजा दिलाई जा सके।
फरीदकोट। बाबा फरीद मेडिकल यूनिवर्सिटी की 20 मई रविवार को होने वाली पीएमईटी परीक्षा को लेकर पीएमईटी-2008 प्रकरण की जांच कर रही एसआईटी भी पूरी तरह सरगर्म हो चुकी है और उसने इस मामले में भगौड़े चल रहे दलालों व मेडिकल विद्यार्थियों की धरपकड़ के लिए परीक्षा केंद्रों पर विशेष नजर रखने का फैसला किया हैं।
वर्ष 2008 में पटियाला में हुई पीएमईटी परीक्षा के दौरान 22 परीक्षार्थियों ने कुछ दलालों के माध्यम से अपनी जगह दूसरे से परीक्षा दिलवाई थी लेकिन मौके पर हुई वीडियोग्राफी के चलते उसकी चाल पकड़ में आ गई। उच्च न्यायालय के निर्देश पर इस मामले की जांच के लिए एलके यादव (वर्तमान में डीआईजी पटियाला रेंज)की अगुवाई में एसआईटी का गठन किया गया। इस टीम ने विभिन्न प्रदेशों के मेडिकल विद्यार्थियों व दलालों को पकड़ते हुए गोरखधंधे से पर्दा उठाया। अब तक इस मामले में कुल 56 आरोपी पकड़े जा चुके हैं जबकि एक परीक्षार्थी समेत परीक्षा देने वाले 12-13 मेडिकल विद्यार्थियों व 7-8 दलालों की अभी भी तलाश जारी हैं। एसआईटी का विचार हैं कि पीएमईटी परीक्षा के दौरान ही ऐसे तत्व सरगर्म होते हैं और ऐसे समय पर ही उन्हें आसानी से पकड़ा जा सकता हैं। टीम ने भगोड़े आरोपियों की पहचान के लिए पीएमईटी परीक्षा के लिए पहुंचने वाले परीक्षार्थियों व उनके अभिभावकों की भी मदद लेने का फैसला किया हैं जिसके तहत टीम की तरफ से हर परीक्षा केंद्र के बाहर भगौड़े आरोपियों की फोटो लगे बोर्ड लगा दिए गए हैं। एसआईटी के सदस्य इंस्पेक्टर गुरजीत सिंह रोमाणा व एएसआई सुखदर्शन शर्मा ने पीएमईटी 2008 का प्रकरण की वजह से हर वर्ष ही पीएमईटी पर विशेष नजर रखी जाती हैं और इस बार भगौड़े आरोपियों के संदर्भ में जानकारी जुटाने का प्रयास किया जाएगा ताकि उन्हें पकड़ कर सजा दिलाई जा सके।