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श्री अकाल तख्त पर पिंदरपाल सिंह, हरजिंदर सिंह सम्मानित
Amritsar
Updated Sat, 26 Jan 2013 05:30 AM IST
अमृतसर। श्री अकाल तख्त साहिब की ओर से कथा वाचक ज्ञानी पिंदरपाल सिंह और रागी हरजिंदर सिंह श्री नगर वालों का सम्मानित किया गया। इस दौरान दोनों सिख प्रचारकों को सिरोपा, लोई, सम्मान, श्री साहिब और शिरोमणि पंथक रागी की उपाधि देकर सम्मानित किया गया। यह सम्मान दोनों पंथक व्यक्तियों को श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह, दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी बलवंत सिंह, केसगढ़ साहिब के जत्थेदार ज्ञानी त्रिलोचन सिंह, पटना साहिब के ज्ञानी इकबाल सिंह और तख्त श्री हजूर साहिब से ग्रंथी ज्ञानी राम सिंह संयुक्त रूप में प्रदान किया।
ज्ञानी पिंदरपाल सिंह और रागी हरजिंदर सिंह को सम्मानित करने संबंधी कुछ समय पहले एसजीपीसी की कार्यकारिणी कमेटी ने भी स्वीकृति प्रदान की थी। इसके बाद पांच सिंह सहिबान की हुई बैठक में भी दोनों को श्री अकाल तख्त साहिब से सम्मानित करने का फैसला लिया था।
इस अवसर पर एसजीपीसी के अध्यक्ष अवतार सिंह मक्कड़ ने कहा कि ज्ञानी पिंदरपाल सिंह और रागी हरजिंदर सिंह ने देश विदेश में जाकर सिखी का प्रचार करते हुए संगत को श्री गुरु ग्रंथ साहिब के साथ जोड़ने के लिए विशेष भूमिका अदा की है। अभी भी इनकी यह कोशिशें लगातार जारी है। इसलिए सिखों की बड़ी उपाधि भाई साहिब की ज्ञानी पिंदरपाल सिंह को दी गई है। इन दोनों को सम्मान देने से सिख गुरु घर के प्रचारकों को भी प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने कहा कि प्रचारकों की ओर से जो भी प्रचार सिखी के प्रसार के लिए किया जाता है वह सराहनीय है। उन्होंने कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब से यह विशेष उपाधियां केवल चुने हुए लोगों को ही मिलती है जो सिखी की प्रचार में अलग भूमिका अदा करते है। उन्होंने श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार को यह भी अपील की है कि श्री हरमंदिर साहिब के पूर्व हजूरी रागी गुरमेज सिंह और पंथ की सेवा करते आ रहे डॉ. कृपाल सिंह को भी सम्मानित किया जाए। इस अवसर पर हरमंदिर साहिब के मुख्यग्रंथी ज्ञानी मल सिंह, एसजीपीसी के सचिव दिलमेघ सिंह, ज्ञानी रवेल सिंह, बाबा हरनाम सिंह धुम्मा, अमरजीत सिंह चावला, रजिंदर सिंह मेहता, अमरीक सिंह, रूप सिंह, मंजीत सिंह आदि भी मौजूद थे।
अमृतसर। श्री अकाल तख्त साहिब की ओर से कथा वाचक ज्ञानी पिंदरपाल सिंह और रागी हरजिंदर सिंह श्री नगर वालों का सम्मानित किया गया। इस दौरान दोनों सिख प्रचारकों को सिरोपा, लोई, सम्मान, श्री साहिब और शिरोमणि पंथक रागी की उपाधि देकर सम्मानित किया गया। यह सम्मान दोनों पंथक व्यक्तियों को श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह, दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी बलवंत सिंह, केसगढ़ साहिब के जत्थेदार ज्ञानी त्रिलोचन सिंह, पटना साहिब के ज्ञानी इकबाल सिंह और तख्त श्री हजूर साहिब से ग्रंथी ज्ञानी राम सिंह संयुक्त रूप में प्रदान किया।
ज्ञानी पिंदरपाल सिंह और रागी हरजिंदर सिंह को सम्मानित करने संबंधी कुछ समय पहले एसजीपीसी की कार्यकारिणी कमेटी ने भी स्वीकृति प्रदान की थी। इसके बाद पांच सिंह सहिबान की हुई बैठक में भी दोनों को श्री अकाल तख्त साहिब से सम्मानित करने का फैसला लिया था।
इस अवसर पर एसजीपीसी के अध्यक्ष अवतार सिंह मक्कड़ ने कहा कि ज्ञानी पिंदरपाल सिंह और रागी हरजिंदर सिंह ने देश विदेश में जाकर सिखी का प्रचार करते हुए संगत को श्री गुरु ग्रंथ साहिब के साथ जोड़ने के लिए विशेष भूमिका अदा की है। अभी भी इनकी यह कोशिशें लगातार जारी है। इसलिए सिखों की बड़ी उपाधि भाई साहिब की ज्ञानी पिंदरपाल सिंह को दी गई है। इन दोनों को सम्मान देने से सिख गुरु घर के प्रचारकों को भी प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने कहा कि प्रचारकों की ओर से जो भी प्रचार सिखी के प्रसार के लिए किया जाता है वह सराहनीय है। उन्होंने कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब से यह विशेष उपाधियां केवल चुने हुए लोगों को ही मिलती है जो सिखी की प्रचार में अलग भूमिका अदा करते है। उन्होंने श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार को यह भी अपील की है कि श्री हरमंदिर साहिब के पूर्व हजूरी रागी गुरमेज सिंह और पंथ की सेवा करते आ रहे डॉ. कृपाल सिंह को भी सम्मानित किया जाए। इस अवसर पर हरमंदिर साहिब के मुख्यग्रंथी ज्ञानी मल सिंह, एसजीपीसी के सचिव दिलमेघ सिंह, ज्ञानी रवेल सिंह, बाबा हरनाम सिंह धुम्मा, अमरजीत सिंह चावला, रजिंदर सिंह मेहता, अमरीक सिंह, रूप सिंह, मंजीत सिंह आदि भी मौजूद थे।