लोकप्रिय और ट्रेंडिंग टॉपिक्स
6 June 20239 mins 16 secs
जो मोक्ष-धर्म का पालन न कर सके उस मनुष्य के लिए धर्म, अर्थ और काम इस त्रिवर्ग में किसका अनुसरण श्रेष्ठ है, यह जानने की इच्छा से युधिष्ठिर ने भीष्म में पूछा, “वेद धर्म, अर्थ और काम की प्रशंसा करते हैं। हे पितामह! मुझे आप यह बताएँ इनमें से किसकी प्राप्ति मनुष्यों के लिए विशेष है?" इस प्रश्न के उत्तर में भीष्म ने युधिष्ठिर को वह पुरानी कथा सुनाई जिसके अनुसार कुण्डधार नाम के एक बादल ने अपने भक्त पर स्नेह करके उपकार किया था।
1 June 20234 mins 39 secs
अर्जुन को अनुगीता सुनाते हुए श्रीकृष्ण ने उन्हें ' ब्राह्मण-गीता' सुनाई। 'ब्राह्मण- गीता' एक ब्राह्मण और उसकी पत्नी के बीच हुआ संवाद है 'ब्राह्मणगीता' के एक प्रकरण में ब्राह्मण ने ब्राह्मणी को सात होताओं वाले यज्ञ के बारे में बताया। वे सात होता हैं—मन, बुद्धि और पाँच इन्द्रियाँ (नाक, आँख, जीभ, त्वचा और कान)। ब्राह्मण ने समझाया ये सातों सूक्ष्म अवकाश में रहते हैं पर एक-दूसरे के विषयों को नहीं जान पाते। केवल नाक गन्ध सूंघ सकती है, केवल जीभ स्वाद चख सकती है, केवल आँख रूप देख सकती है, केवल त्वचा स्पर्श को छू सकती है, केवल कान शब्द सुन सकता है, केवल मन संकल्प कर सकता है और केवल बुद्धि निश्चय कर सकती है ब्राह्मण ने फिर मन और पाँच इन्द्रियों की पुरानी कथा ब्राह्मणी को सुनाई।
30 May 20236 mins 4 secs
युधिष्टिर को दान की महिमा सिखाते समय भीष्म ने गोदान (गाय के दान) के गुण बताए। भीष्म ने समझाया किसी अच्छे पात्र को गाय देने में जितना पुण्य है, एक ब्राह्मण के धन का अपहरण करने में उतना ही पाप है।
29 May 20233 mins 39 secs
युधिष्ठिर ने भीष्म से पूछा एक क्षत्रिय, वैश्य अथवा शूद्र ब्राह्मणत्व' कैसे पा सकता है—महान् तप से, महान् कर्म से अथवा विद्या सुनने से?
28 May 20233 mins 22 secs
युधिष्ठिर ने भीष्म से पूछा, “जो लोग ब्राह्मणों को कुछ दान देने की प्रतिज्ञा करते हैं और फिर मोह के कारण नहीं देते हैं, वे क्या होते हैं? जो प्रतिज्ञा करके दान नहीं देते हैं वे क्या बनते हैं?" भीष्म ने कहा, "जो छोटा अथवा बड़ा दान देने की प्रतिज्ञा करके फिर दान नहीं देता है, उसकी सारी आशाएँ एक नपुंसक की पत्र पाने की आशाओं के समान नष्ट हो जाती हैं।
18 May 20234 mins 41 secs
'ब्राह्मण-गीता' में ब्राह्मण ने ब्राह्मणी को पाँच होताओं के यज्ञ के बारे में बताया। ये पाँच होता हैं-प्राण, अपान, उदान, समान और व्यान। ये शरीर के पाँच प्राणवायु हैं। ब्राह्मण ने समझाया प्राण से पुष्ट होकर वायु अपान होता है, अपान से पुष्ट होकर व्यान होता है, व्यान से पुष्ट होकर उदान होता है और उदान से पुष्ट होकर समान होता है। फिर ब्राह्मण ने ब्राह्मणी को पाँच प्राणों के विवाद की कथा सुनाई।
16 May 20234 mins 19 secs
युधिष्ठिर ने पूछा, "हे पितामह! यज्ञों और तपस्याओं के बहुत भेद हैं। ये सब कही उद्देश्य के लिए किए जा सकते हैं। सुखों की प्राप्ति के लिए नहीं अपितु वल धर्म के लिए मनुष्य कैसे यज्ञ कर सकता है? " उत्तर में भीष्म ने उन्हें उञ्छवृत्ति से अन्न बटोरकर जीनेवाले एक ब्राह्मण की था सुनाई। पहले नारद ने यह कथा भीष्म को सुनाई थी।
11 May 20235 mins 4 secs
युधिष्ठिर ने भीष्म से कहा, “मैंने सुना है गोमय' में श्री' का वास है। मुझे इस विषय में संशय है, इसलिए यह मैं आपसे सुनना चाहता हूँ।" उत्तर में भीष्म ने श्री (लक्ष्मी) और गायों की पुरानी कथा सुनाई।
7 May 20236 mins 29 secs
युधिष्ठिर ने भीष्म से कहा वे एक दयालु और भक्त के गुणों को सुनना चाहते है। उत्तर में भीष्म ने उन्हें इन्द्र और एक सुग्गे के संवाद की पुरानी कथा सुनाई।
2 May 20238 mins 28 secs
दुधिष्ठिर ने भीष्म से पूछा मनुष्य को किसका आसरा लेना चाहिए—सगे- संबन्धियों का, कर्म का, धन का अथवा बुद्धि का भीष्म ने उत्तर देते हुए कहा वृद्धि ही सब जीवों का आश्रय है और बुद्धि ही सबसे बड़ी उपलब्धि मानी जाती है।
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