लोकप्रिय और ट्रेंडिंग टॉपिक्स
20 March 20239 mins 5 secs
अमृतसर से स्शपेशल ट्रेन दोपहर दो बजे को चली और आठ घंटों के बाद मुग़लपुरा पहुंची। रास्ते में कई आदमी मारे गए। कई ज़ख़्मी हुए और कुछ इधर उधर भटक गए। सुबह दस बजे कैंप की ठंडी ज़मीन पर जब सिराजुद्दीन ने आंखें खोलीं और अपने चारों तरफ़ मर्दों, औरतों और बच्चों का एक बेचैन समंदर देखा तो उसकी सोचने समझने की ताकत और भी कमजोर हो गई। वो देर तक गदले आसमान को टकटकी बांधे देखता रहा। यूं तो कैंप में हर तरफ़ शोर बरपा था। लेकिन बूढ़े सिराजुद्दीन के कान जैसे बंद थे। उसे कुछ सुनाई नहीं देता था। कोई उसे देखता तो ये ख़याल करता कि वो किसी गहरी फ़िक्र में डूबा है मगर ऐसा नहीं था। उसके होश-ओ-हवास सुन्न थे। उसका सारा वजूद ख़ला में मुअल्लक़ था।
19 March 202317 mins 7 secs
ये कहानी है एक ऐसे युवक की जो अपने पिता का इलाज कराने के लिए अस्पताल आता-जाता रहता है. इसी दरम्यान उसे एक नर्स से मोहब्बत हो जाती है. वो नर्स से अपने प्यार का इजहार करने ही वाला होता है कि...
18 March 202317 mins 24 secs
ये कहानी है एक ऐसे शख्स की जो आजाद खयाल है, जो भीड़ से हटकर चलना चाहता है. वो सीधे रास्ते से हटकर कुछ अनोखा करने की धुन में रहता था. एक दिन अपनी इन्फ़िरादियत पसंदी के हाथों मजबूर हो कर एक रात अपनी निकाही बीवी को ही ससुराल से भगा ले जाता है...
17 March 202311 mins 25 secs
बिलक़ीस की मां आती है। एक अधेड़ उम्र की औरत बहुत ग़ुस्सैली। उसके चेहरे के ख़द्द-ओ-ख़ाल से साफ़ अयां है कि वो एक जाबिर मां है। आते ही बिलक़ीस को डांटती है, “ये जो मैं दो घंटे से तुझे बुला रही हूं तू ने कानों में रूई ठूंस रखी है क्या?”
16 March 202319 mins 7 secs
नन्हा राम, नन्हा तो था, लेकिन शरारतों के लिहाज़ से बहुत बड़ा था। चेहरे से बेहद भोला भाला मालूम होता था। कोई ख़त या नक़्श ऐसा नहीं था जो शोख़ी का पता दे। उसके जिस्म का हर अ’ज़ो भद्दे पन की हद तक मोटा था। जब चलता था तो ऐसा मालूम होता था कि फुटबाल लुढ़क रहा है...
15 March 202318 mins 51 secs
कई बरस गुज़र गए। इस दौरान में कई सियासी इन्क़लाब आए। धोबी बिला नाग़ा इतवार को आता रहा। उसकी सेहत अब बहुत अच्छी थी। इतना अर्सा गुज़रने पर भी वो हमारा सुलूक नहीं भूला था, हमेशा दुआएं देता था। शराब क़तई तौर पर छूट चुकी थी...
14 March 202315 mins 38 secs
मान लिया कि मेरा किसी को उल्लू का पट्ठा कहने को जी चाहता है, मगर ये कोई बात तो न हुई. मैं किसी को उल्लू का पट्ठा क्यों कहूं? मैं किसी से नाराज़ भी तो नहीं हूं...
11 March 202315 mins 2 secs
सईद के पास इस सवाल का जवाब तैयार नहीं था। उसके दिल-ओ-दिमाग़ पर दरअसल वो आंखें छाई हुई थीं। बड़ी बड़ी उदास आंखें। ग़ैर इरादी तौर पर उसने मेज़ पर से फ़ोटो उठाया और एक नज़र देख कर फिर वहीं रख दिया और कहा, आप ज़्यादा बेहतर जानते हैं...
5 March 202320 mins 48 secs
यह एक बूढ़े इंसान की कहानी है जो सर्दी में अलाव के आसपास बैठकर बच्चों को अपनी ज़िंदगी से जुड़ी किस्से सुनाता है। वो बताता है कि कैसे उसके नॉवेल पढ़ने के शौक ने उसे चोरी करने पर मजबूर कर दिया. इस चोरी ने उसको सारी उम्र के लिए चोर बना दिया...
4 March 202321 mins 13 secs
ये कहानी है एक ऐसी औरत की जिसका शौहर उस पर जुल्म ढाता रहता था. फिर एक दिन वो उसे तलाक दे देता है. वो अपनी नौ साल की बेटी को लेकर एक मोहल्ले में रहने लगती है और धीरे-धीरे उसका गुस्सा मोहल्ले की औरतों पर निकलने लगा. फिर वो पैसे लेकर दूसरी औरतों की लड़ाइयां लड़ने लगती है...