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अनिल कपूर
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इस वजह से अनिल कपूर को फिल्म लम्हे में मुंडवानी पड़ी थीं मूंछें

9 March 2022

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3:18
अनिल कपूर बॉलीवुड के एक ऐसे स्टार हैं जो 60 साल की उम्र में युवा पीढ़ी को मात देते हैं। जहां हर स्टार अपने किरदार के हिसाब से लुक को बदल लेते हैं वहीं अनिल ने अपने लुक के साथ कुछ खास एक्सपेरिमेंट नहीं किया। लेकिन एक फिल्म के लिए अनिल कपूर को इतना बड़ा त्याग करना पड़ा था कि उनके पसीने छूट गए थे। दरअसल एक फिल्म के लिए अनिल कपूर को अपनी मूंछें मुंडवानी पड़ गईं थीं। 

इस वजह से अनिल कपूर को फिल्म लम्हे में मुंडवानी पड़ी थीं मूंछें

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शम्मी कपूर मनमौजी अभिनेताओं में से एक थे। वैसे तो उनका दिल कई अभिनेत्रियों पर आया लेकिन सभी ने उनसे शादी से करने से किनारा कर लिया। गीता बाली से आखिरकार उन्होंने शादी की। शम्मी से शादी करने के लिए उनसे उम्र में बड़ी गीता तैयार तो हो गईं लेकिन शम्मी के परिवारवाले इस शादी के खिलाफ थे। ऐसे में शम्मी को मशहूर कॉमेडियन जॉनी वॉकर ने सलाह दी और फिर...

दोस्तों आज बात होगी अपने जमाने की मशहूर अभिनेत्री शशिकला की...शशिकला का नाम सुनते ही आपकी नजरों के सामने एक बुरी औरत की तस्वीर आ जाती होगी जो फिल्मों में वैम्प का किरदार अदा करती थी...लेकिन क्या आप जानते हैं कि शशिकला परदे पर जैसी दिखती थीं, वैसी थीं नहीं...असल जिंदगी में वो बेहद सौम्य, मृदुभाषी और रहमदिल थीं...वो खुद कहती थीं कि मुझे पता नहीं मैंने कैसे दुष्ट औरत के रोल कर लिए...उन्होंने करीब 100 बॉलीवुड फिल्मों में काम किया।

दोस्तों आज की कहानी दो ऐसे दिग्गज कलाकारों की मोहब्बत की है...जो कभी पूरी न हो सकी...एक ने ताजिंदगी अकेले रहने का फैसला किया तो दूसरे ने अकेलेपन से पीछा छुड़ाने के लिए किसी दूसरे का हाथ पकड़ लिया...जी हां, बात हो रही है अभिनेता देव आनंद और सुरैया की..हम आपको बताएंगे कि कैसे सुरैया को देव आनंद से मोहब्बत हुई और कैसे धर्म दोनों के बीच दीवार बनकर खड़ा हो गया और सुरैया की मां ने सुरैया से आखिरी बार मिलने के लिए देव को कितना वक्त दिया और जब देव सुरैया से मिलने गए तो साथ में एक पुलिसवाले को ले गए...

दोस्तों शोहरत की दास्तां भी बड़ी अजीब होती है...इसकी कहानी कब खत्म हो जाए पता ही नहीं चलता...जो बुलंदी पर है वो कब जमीन पर आ जाए कहा नहीं जा सकता...ऐसी ही कहानी है अपने जमाने के मशहूर अभिनेता भगवान दादा की....हिंदी सिनेमा के मशहूर अभिनेता और निर्देशक भगवान दादा का असली नाम भगवान अबाजी पांडव था। खुद भगवान दादा ने भी फिल्मों में आने से पहले मजदूरी तक की थी। 

दोस्तों आज बात होगी एक ऐसी दोस्ती की जो अटूट तो है ही साथ ही इस इन दोस्तों ने कई हिट फिल्में भी दी हैं। ये जोड़ी शोले के जय और वीरू से कम नहीं है। हम बात कर रहे हैं किंग खान शाहरुख और करण जौहर की....बॉलीवुड के किंग खान शाहरुख खान व निर्माता निर्देशक करन जौहर की दोस्ती के बारे में सभी जानते हैं। शाहरुख ने ही करन को निर्देशक बनने की प्रेरणा दी। लेकिन कम ही लोग यह जानते होंगे कि शाहरुख खान और करन जौहर पहली बार कैसे मिले थे।

आज बात करेंगे राज खोसला द्वारा निर्देशित 1964 में आई मिस्ट्री थ्रिलर फिल्म वो कौन थी की. फिल्म में साधना, मनोज कुमार और प्रेम चोपड़ा ने मुख्य भूमिका निभाई थी.लेकिन क्या आप जानते हैं कि मनोज कुमार इस फिल्म को करना नहीं चाहते थे...

दोस्तों आज बात होगी एक ऐसी मोहब्बत की जो शायद ही आपको पता हो...बॉलीवुड में रोमांटिक फिल्मों के एक नए दौर को शुरू करने वाले निर्माता-निर्देशक यश चोपड़ा और मुमताज की...क्यों उड़ गए न होश...जी हां...अपनी फिल्मों से प्रेम की नई परिभाषा गढ़ने वाले यश चोपड़ा भी मुमताज की मोहब्बत में गिरफ्त थे...चलिए सुनाते हैं ये किस्सा....60-70 के दशक की मशहूर हीरोइन मुमताज तो आप सभी को याद होंगी ही। उस दौर में उनकी अदा, स्टाइल और एक्टिंग के दौरान उनकी हल्की सी मुस्कान सभी को अपना दीवाना बना देती थी। लेकिन शायद ही आप जानते हों कि लाखों दिलों को घायल कर देने वाली मुमताज निर्देशक यश चोपड़ा के प्यार में पागल थीं। खुद यश चोपड़ा भी मुमताज को बेहद पसंद करते थे।

आज हम ऐसी लव स्टोरी के बारे में बताएंगे जिसमें प्यार हुआ, इकरार हुआ लेकिन ये प्यार करने वाले कभी एक ना हो सके। ये दास्तां है नरगिस और राज कपूर की बेइंतहा मोहब्बत की। तो चलिए शुरुआत करते हैं दोनों की पहली मुलाकात से... साल 1946... राज कपूर ने फिल्म 'आग' का निर्देशन शुरू कर दिया था। इस फिल्म के लिए राज कपूर स्टूडियो की तलाश में थे। उन्हें पता चला कि नरगिस की मां जद्दन बाई मुंबई के 'फेमस स्टूडियो' में रोमियो-जूलियट बना रही हैं। वो 'फेमस स्टूडियो' के बारे में जानना चाहते थे इसलिए राज कपूर जद्दन बाई के घर पहुंच गए। उस दिन जद्दन बाई घर पर नहीं थीं।

दोस्तों आज बात करेंगे 30 अप्रैल 1982 को रिलीज हुई फिल्म नमक हलाल की जिसे निर्देशित किया था प्रकाश मेहरा ने. मुख्य भूमिकाओं में थे. अमिताभ बच्चन, शशि कपूर, स्मिता पाटिल, परवीन बाबी, वहीदा रहमान, ओम प्रकाश, रंजीत, सत्येन कप्पू। गीत अंजान ने लिखे थे और सुरों से सजाया था बप्पी लहरी ने। यह फिल्म 1982 की सबसे बड़ी ब्लॉकबस्टर थी और उस साल की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म भी बनी थी. फिल्म लावारिस की सफलता के बाद निर्देशक प्रकाश मेहरा ने अपनी अगली फिल्म नमक हलाल पर काम शुरू किया. नमक हलाल के हीरो के तौर पर अमिताभ बच्चन पहले से ही फाइनल थे. अमिताभ बच्चन ने अर्जुन सिंह की भूमिका निभाई है जो 1968 की हॉलीवुड फिल्म द पार्टी के नायक हृंडी बख्शी के चरित्र से प्रभावित है.. हृंडी बख्शी एक भारतीय किरदार है जिसे ब्रिटिश हास्य अभिनेता पीटर सेलर्स ने फिल्म द पार्टी में निभाया था। नमक हलाल का वो सीन जब पार्टी में अमिताभ बच्चन का एक जूता पानी में गिर जाता है वो हॉलीवुड फिल्म द पार्टी से ही कॉपी किया गया है...

दोस्तों आज हम कहानी लेकर आए हैं अपने जमाने की मशहूर अदाकारा ललिता पवार की...जी हां जिनका नाम सुनते ही जालिम सास का चेहरा सामने आ जाता है...फिल्मों की वो ऐसी खतरनाक सास थीं, जिनकी छाती पर आकर तो सांप भी रस्सी बन जाता था...ये मैं नहीं बोल रहा..ये डायलॉग उन्होंने 1970 में आई फिल्म सास भी कभी बहू थी में बोला था...वैसे तो उन्होंने हिंदी, मराठी और गुजराती मिलाकर करीब 700 फिल्मों में काम किया है लेकिन रामायण में निभाए गए मंथरा के किरदार ने उन्हें घर-घर मशहूर कर दिया था...उन्हें भारतीय सिनेमा की फर्स्ट लेडी भी कहा जाता था...

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