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सलमान खान
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जब पिटते-पिटते बचे सलमान खान और हो गया ऐश्वर्या राय से ब्रेकअप

31 March 2022

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एक वक्त था जब बॉलीवुड के गलियारों में सलमान खान और ऐश्वर्या राय की मोहब्बत के किस्से मशहूर थे। दर्शक भी इस जोड़ी को खूब पसंद किया करते थे...लेकिन ऐसा क्या हुआ था कि दोनों की मोहब्बत के बीच दरार आ गई और ऐश्वर्या ने सलमान से पल्ला झाड़ लिया...यहां तक कि सलमान एक बार फिल्म की पूरी यूनिट से पिटते-पिटते बचे थे...चलिए बताते हैं.. 1999 में 'हम दिल दे चुके सनम' की शूटिंग के दौरान सलमान खान और ऐश्वर्या रॉय के बीच अफेयर की शुरुआत हुई थी। 2002 आते-आते इनके बीच ब्रेकअप की घटनाएं मीडिया में आनी शुरू हो गयी थीं...

जब पिटते-पिटते बचे सलमान खान और हो गया ऐश्वर्या राय से ब्रेकअप

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दोस्तों आज की कहानी दो ऐसे दिग्गज कलाकारों की मोहब्बत की है...जो कभी पूरी न हो सकी...एक ने ताजिंदगी अकेले रहने का फैसला किया तो दूसरे ने अकेलेपन से पीछा छुड़ाने के लिए किसी दूसरे का हाथ पकड़ लिया...जी हां, बात हो रही है अभिनेता देव आनंद और सुरैया की..हम आपको बताएंगे कि कैसे सुरैया को देव आनंद से मोहब्बत हुई और कैसे धर्म दोनों के बीच दीवार बनकर खड़ा हो गया और सुरैया की मां ने सुरैया से आखिरी बार मिलने के लिए देव को कितना वक्त दिया और जब देव सुरैया से मिलने गए तो साथ में एक पुलिसवाले को ले गए...

दोस्तों शोहरत की दास्तां भी बड़ी अजीब होती है...इसकी कहानी कब खत्म हो जाए पता ही नहीं चलता...जो बुलंदी पर है वो कब जमीन पर आ जाए कहा नहीं जा सकता...ऐसी ही कहानी है अपने जमाने के मशहूर अभिनेता भगवान दादा की....हिंदी सिनेमा के मशहूर अभिनेता और निर्देशक भगवान दादा का असली नाम भगवान अबाजी पांडव था। खुद भगवान दादा ने भी फिल्मों में आने से पहले मजदूरी तक की थी। 

दोस्तों आज बात होगी एक ऐसी दोस्ती की जो अटूट तो है ही साथ ही इस इन दोस्तों ने कई हिट फिल्में भी दी हैं। ये जोड़ी शोले के जय और वीरू से कम नहीं है। हम बात कर रहे हैं किंग खान शाहरुख और करण जौहर की....बॉलीवुड के किंग खान शाहरुख खान व निर्माता निर्देशक करन जौहर की दोस्ती के बारे में सभी जानते हैं। शाहरुख ने ही करन को निर्देशक बनने की प्रेरणा दी। लेकिन कम ही लोग यह जानते होंगे कि शाहरुख खान और करन जौहर पहली बार कैसे मिले थे।

आज बात करेंगे राज खोसला द्वारा निर्देशित 1964 में आई मिस्ट्री थ्रिलर फिल्म वो कौन थी की. फिल्म में साधना, मनोज कुमार और प्रेम चोपड़ा ने मुख्य भूमिका निभाई थी.लेकिन क्या आप जानते हैं कि मनोज कुमार इस फिल्म को करना नहीं चाहते थे...

दोस्तों आज बात होगी एक ऐसी मोहब्बत की जो शायद ही आपको पता हो...बॉलीवुड में रोमांटिक फिल्मों के एक नए दौर को शुरू करने वाले निर्माता-निर्देशक यश चोपड़ा और मुमताज की...क्यों उड़ गए न होश...जी हां...अपनी फिल्मों से प्रेम की नई परिभाषा गढ़ने वाले यश चोपड़ा भी मुमताज की मोहब्बत में गिरफ्त थे...चलिए सुनाते हैं ये किस्सा....60-70 के दशक की मशहूर हीरोइन मुमताज तो आप सभी को याद होंगी ही। उस दौर में उनकी अदा, स्टाइल और एक्टिंग के दौरान उनकी हल्की सी मुस्कान सभी को अपना दीवाना बना देती थी। लेकिन शायद ही आप जानते हों कि लाखों दिलों को घायल कर देने वाली मुमताज निर्देशक यश चोपड़ा के प्यार में पागल थीं। खुद यश चोपड़ा भी मुमताज को बेहद पसंद करते थे।

आज हम ऐसी लव स्टोरी के बारे में बताएंगे जिसमें प्यार हुआ, इकरार हुआ लेकिन ये प्यार करने वाले कभी एक ना हो सके। ये दास्तां है नरगिस और राज कपूर की बेइंतहा मोहब्बत की। तो चलिए शुरुआत करते हैं दोनों की पहली मुलाकात से... साल 1946... राज कपूर ने फिल्म 'आग' का निर्देशन शुरू कर दिया था। इस फिल्म के लिए राज कपूर स्टूडियो की तलाश में थे। उन्हें पता चला कि नरगिस की मां जद्दन बाई मुंबई के 'फेमस स्टूडियो' में रोमियो-जूलियट बना रही हैं। वो 'फेमस स्टूडियो' के बारे में जानना चाहते थे इसलिए राज कपूर जद्दन बाई के घर पहुंच गए। उस दिन जद्दन बाई घर पर नहीं थीं।

दोस्तों आज बात करेंगे 30 अप्रैल 1982 को रिलीज हुई फिल्म नमक हलाल की जिसे निर्देशित किया था प्रकाश मेहरा ने. मुख्य भूमिकाओं में थे. अमिताभ बच्चन, शशि कपूर, स्मिता पाटिल, परवीन बाबी, वहीदा रहमान, ओम प्रकाश, रंजीत, सत्येन कप्पू। गीत अंजान ने लिखे थे और सुरों से सजाया था बप्पी लहरी ने। यह फिल्म 1982 की सबसे बड़ी ब्लॉकबस्टर थी और उस साल की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म भी बनी थी. फिल्म लावारिस की सफलता के बाद निर्देशक प्रकाश मेहरा ने अपनी अगली फिल्म नमक हलाल पर काम शुरू किया. नमक हलाल के हीरो के तौर पर अमिताभ बच्चन पहले से ही फाइनल थे. अमिताभ बच्चन ने अर्जुन सिंह की भूमिका निभाई है जो 1968 की हॉलीवुड फिल्म द पार्टी के नायक हृंडी बख्शी के चरित्र से प्रभावित है.. हृंडी बख्शी एक भारतीय किरदार है जिसे ब्रिटिश हास्य अभिनेता पीटर सेलर्स ने फिल्म द पार्टी में निभाया था। नमक हलाल का वो सीन जब पार्टी में अमिताभ बच्चन का एक जूता पानी में गिर जाता है वो हॉलीवुड फिल्म द पार्टी से ही कॉपी किया गया है...

दोस्तों आज हम कहानी लेकर आए हैं अपने जमाने की मशहूर अदाकारा ललिता पवार की...जी हां जिनका नाम सुनते ही जालिम सास का चेहरा सामने आ जाता है...फिल्मों की वो ऐसी खतरनाक सास थीं, जिनकी छाती पर आकर तो सांप भी रस्सी बन जाता था...ये मैं नहीं बोल रहा..ये डायलॉग उन्होंने 1970 में आई फिल्म सास भी कभी बहू थी में बोला था...वैसे तो उन्होंने हिंदी, मराठी और गुजराती मिलाकर करीब 700 फिल्मों में काम किया है लेकिन रामायण में निभाए गए मंथरा के किरदार ने उन्हें घर-घर मशहूर कर दिया था...उन्हें भारतीय सिनेमा की फर्स्ट लेडी भी कहा जाता था...

रोमांटिक किंग यश चोपड़ा ने साल 1997 में एक सुपर-डुपर हिट फिल्म बनाई थी जिसका नाम था 'दिल तो पागल है।' शायद अब आप समझ गए होंगे और यदि नहीं तो चलिए याद दिला देते हैं। फिल्म में शाहरुख खान, माधुरी दीक्षित और करिश्मा कपूर लीड रोल में नजर आए थे। वहीं अक्षय कुमार ने कैमियो किया था। डांस, म्यूजिक और रोमांस से लबरेज इस फिल्म ने दर्शकों को फिर से प्यार करना सिखा दिया था। उस साल फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर कमाई के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए थे। लेकिन कम ही लोग जानते होंगे कि करिश्मा से पहले इस फिल्म का ऑफर पांच अभिनेत्रियों को दिया गया था और पांचों ने ही रिजेक्ट कर दिया। उसके बाद करिश्मा को यह रोल मिला और रातों-रात उन्हें एक अलग ही पहचान मिल गई। ऐसे ही बहुत से किस्से और रोचक कहानियां इस फिल्म से जुड़े हैं जिन्हें सुनकर शायद आप भी हैरान हो जाएंगे। 

दोस्तों आज बात होगी मशहूर निर्माता निर्देशक जेपी दत्ता की...जेपी दत्ता को ज्यादातर पुलिस और सेना पर आधारित फिल्में बनाने के लिए जाना जाता है। जब भी उनका जिक्र होता है तो लोगों के जेहन में सबसे पहले फिल्म आती है 'बॉर्डर'। लेकिन यही बात जेपी दत्ता को बहुत खटकती भी है। उनका मानना है कि उन्होंने अपनी जिंदगी में कई बेहतरीन फिल्में की हैं लेकिन उनकी सिर्फ एक ही फिल्म की बातें होती हैं। आज हम आपको बताते हैं उनकी बारे में और कैसे उनकी सबसे ज्यादा फिल्मों में काम करने वाले धर्मेंद से अनबन की...जेपी दत्ता ने फिल्म निर्देशन में अपनी शुरुआत वर्ष 1985 में आई फिल्म 'गुलामी' से की है। वैसे उनकी शुरुआत तो पहले ही हो जाती अगर उनकी फिल्म 'सरहद' पूरी होकर सिनेमाघरों तक पहुंचती। 

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