पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में हालात बेहद खराब हो चुके हैं। मार्च महीने में पाकिस्तान की मुद्रास्फीति 35.37 प्रतिशत पर पहुंच गई। 50 साल में सबसे अधिक महंगाई दर है। उपभोक्ता कीमतें एक साल पहले की तुलना में 35.37 फीसदी बढ़ गईं हैं। आलम ये है कि लोग भूखे सोने को मजबूर हैं। सस्ता खाना के लिए हर रोज किसी न किसी शहर में भगदड़ देखने को मिल रही है। पिछले दस दिन के अंदर खाने के लिए मची भगदड़ में 20 लोगों की मौत हो चुकी है। आइए तस्वीरों में पाकिस्तान की हालत देखते हैं....
ऐसे बढ़ रही महंगाई
पाकिस्तान के पास विदेशी मुद्रा खत्म हो चुका है। ऐसे में यहां की सरकार को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से कर्ज चााहिए। इसके लिए जो शर्तें हैं, वो काफी कठिन हैं। इन शर्तों को पूरा करने के चक्कर में ही महंगाई दर बढ़ रही है। मार्च महीने में सीपीआई मुद्रास्फीति 50 साल के उच्च स्तर 35.37 प्रतिशत पर पहुंच गई है। जानकारों का कहना है कि अभी इसमें और बढ़ोतरी होगी। केंद्रीय बैंक ने बढ़ती मुद्रास्फीति का मुकाबला करने के लिए बेंचमार्क ब्याज दर को 300 बीपीएस को 20 फीसदी तक बढ़ा दिया है।
परिवहन 54 फीसदी, खाद्य मुद्रास्फीति में 47 फीसदी से ज्यादा बढ़ गई
आंकड़ों से पता चलता है कि मार्च में परिवहन की कीमतें 54.94 फीसदी चढ़ गईं, जबकि खाद्य मुद्रास्फीति मार्च में 47.15 फीसदी बढ़ गईं हैं। कपड़ों और जूतों की कीमतों में 21.93 फीसदी और आवास, पानी, बिजली की कीमतों में 17.49 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
राशन का भीख लेने के लिए मची भगदड़, 12 की मौत
पाकिस्तान में भीख के तौर पर मुफ्त राशन बांटने के दौरान भगदड़ मच गई। इसमें 12 लोगों की मौत हो गई। हादसा कराची के साइट इलाके में नौरस चौराहे के पास एक कारखाने से जुड़ा है। शुक्रवार की शाम को यहां मुफ्त राशन बांटा जा रहा था, जिसके कारण लोगों की भीड़ जुट गई थी। हर रमजान के दौरान यहां लोग राशन बांटते हैं। पुलिस ने कहा है कि मरने वालों में तीन बच्चे और आठ महिलाएं भी शामिल हैं। सिंध के मुख्यमंत्री मुराद अली शाह ने भगदड़ में मारे गए लोगों के परिजनों को पांच लाख और घायलों को एक लाख रुपये मुआवजा देने का एलान किया है।
अभी और बिगड़ेगी हालत
पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक देश में पिछले कई महीनों से सामानों के दाम में बढ़ोतरी देखने को मिली है। वार्षिक मुद्रास्फीति पिछले साल जून से 20 फीसदी ज्यादा है। वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को जारी अपने मासिक आर्थिक अपडेट और आउटलुक कहा है कि महंगाई आने वाले दिनों में और भी बढ़ सकती है। इसके पीछे का कारण ऊर्जा और ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी और केंद्रीय बैंक की नीतियों को बताया गया है।