तुर्की, इस्राइल, सीरिया और लेबनान में भूकंप के तेज झटकों ने कहर बरपा दिया है। सबसे ज्यादा असर तुर्की (नया नाम तुर्किये) और सीरिया में देखने को मिला है। यहां अब तक 1500 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। पांच हजार से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं। इस्राइल और लेबनान में भी कई मौतों की आशंका जताई जा रही है। जानकारी के मुताबिक, रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 7.8 मापी गई। इससे कई इमारतें ताश के पत्तों की तरह बिखर गईं। सड़कों के बीच दरार आ गई। कई पुल भी टूट गए। ये पहली बार नहीं है, जब भूकंप के झटकों ने तबाही मचाई हो। इसके पहले भी कई बार इस तरह के झटकों से तबाही मच चुकी है। आज हम आपको ऐसे ही 10 खौफनाक भूकंप के झटकों के बारे में बताएंगे....
1. जापान: एक झटके में 18 हजार से ज्यादा लोग मारे गए
11 मार्च 2011 की बात है। जापान में भूकंप के तेज झटकों के बाद आई सुनामी ने पूरे देश को बर्बादी की कगार पर पहुंचा दिया था। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस दौरान 18 हजार लोगों की मौत हुई थी। हालांकि, कई अन्य रिपोर्ट्स बताती हैं कि इसमें एक लाख से ज्यादा लोगों की जान गई थी। इस भूकंप की तीव्रता 9 मापी गई थी। सुनामी की वजह से जापान के तटीय इलाकों में बनीं तीन लाख से ज्यादा इमारतें बह गईं थीं।
2. नेपाल: भारत समेत तीन देशों पर दिखा था असर
25 अप्रैल 2015 को नेपाल में 8.1 तीव्रता का भूकंप आया था। इसमें 10 हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे, जबकि 23 हजार से ज्यादा लोग घायल हुए थे। इस तबाही का खौफ आज भी नेपाल के लोगों में देखने को मिलता है। भूकंप के झटके का असर भारत, चीन, बांग्लादेश, पाकिस्तान तक महसूस हुआ था।
3. चिली: 10 मिनट के झटके ने 12 हजार से ज्यादा लोगों की जान ले ली
22 मई, 1960 में चिली के बाल्डिविया में आए भूकंप ने कई देशों को दहला दिया था। इस भूकंप की तीव्रता 9.5 मापी गई थी। इससे उठी सुनामी लहरों ने चिली समेत जापान, फिलीपींस, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया में भी भारी तबाही मचाई थी। अकेले चिली में 12 हजार से ज्यादा लोगों की जान गई थी। वहीं, जापान, फिलीपींस, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया में भी करीब 20 हजार लोगों की जान गई थी।
4. अमेरिका में चार मिनट के अंदर 200 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी
27 मार्च 1964 को अमेरिका के अलास्का में 9.3 तीव्रता का भूकंप आया था। चार मिनट तक लगातार धरती हिलती रही। इससे अलास्का का पूरा नक्शा ही बदल गया था। ताश के पत्तों की तरह लाखों घर बिखर गए। इसमें 200 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी, जबकि आठ हजार से ज्यादा लोग घायल हो गए थे।