वाराणसी के बड़ी पियरी निवासी रोशन गुप्ता उर्फ किट्टू के पिता रामकुमार ने बचपन में उसका नाम बाबू रखा था। उन्हें क्या पता था कि बाबू अपनी उम्र से ज्यादा आपराधिक मुकदमों का आरोपी बनकर पुलिस मुठभेड़ में एक दिन मारा जाएगा। किट्टू के खिलाफ वाराणसी और गाजीपुर में हत्या के सात, हत्या के प्रयास में नौ और रंगदारी मांगने सहित अन्य आरोपों में 34 मुकदमे दर्ज थे।
किट्टू ने वर्ष 2011 में दशाश्वमेध क्षेत्र के खालिसपुरा के गोपाल यादव की हत्या करके जरायम जगत में प्रवेश किया था। फिर उसने 29 जुलाई 2015 को मुठभेड़ में मारे गए रोहित सिंह उर्फ सनी के गिरोह का दामन थाम लिया। इसके बाद शहर के ठेकेदारों, व्यापारियों और डॉक्टरों से किट्टू रंगदारी मांगने के लिए कुख्यात हो गया था।
इस बीच किट्टू का नाम गाजीपुर में सराफा कारोबारियों की हत्या व लूट, हत्या के प्रयास और डकैती में लगातार सामने आता रहा। फिर वर्ष 2012 में भोजूबीर में सुपारी लेकर बैंक कर्मी महेश जायसवाल की हत्या में किट्टू का नाम सामने आया। इस मामले में चंदौली का पूर्व सांसद जवाहर जायसवाल भी आरोपी है।
किट्टू ने वर्ष 2011 में दशाश्वमेध क्षेत्र के खालिसपुरा के गोपाल यादव की हत्या करके जरायम जगत में प्रवेश किया था। फिर उसने 29 जुलाई 2015 को मुठभेड़ में मारे गए रोहित सिंह उर्फ सनी के गिरोह का दामन थाम लिया। इसके बाद शहर के ठेकेदारों, व्यापारियों और डॉक्टरों से किट्टू रंगदारी मांगने के लिए कुख्यात हो गया था।
इस बीच किट्टू का नाम गाजीपुर में सराफा कारोबारियों की हत्या व लूट, हत्या के प्रयास और डकैती में लगातार सामने आता रहा। फिर वर्ष 2012 में भोजूबीर में सुपारी लेकर बैंक कर्मी महेश जायसवाल की हत्या में किट्टू का नाम सामने आया। इस मामले में चंदौली का पूर्व सांसद जवाहर जायसवाल भी आरोपी है।