विशाल नेत्रों वाली मां विशालाक्षी का यह स्थान मां सती के 51 शक्ति पीठों में से भी एक है। इनका महत्व कांची की मां (कृपा दृष्टा) कामाक्षी और मदुरै की (मत्स्य नेत्री) मीनाक्षी के समान है। शास्त्रों के अनुसार, काशी के कर्ताधर्ता बाबा विश्वनाथ मां विशालाक्षी के मंदिर में विश्राम करते हैं।