मेरठ में शनिवार दोपहर 1:15 बजे थे। मोहिउद्दीनपुर मिल की दूसरी और तीसरी मंजिल पर 25 कर्मचारी काम कर रहे थे। केमिकल की पाइप में धुआं उठने पर कर्मचारियों ने चीफ इंजीनियर नरेंद्र कुमार कुशवाहा को बुला लिया। इंजीनियर तीसरी मंजिल पर टरबाइन मशीन के कंट्रोल रूम में लाइन ठीक कर रहे थे, तभी पाइप फट गया।
विस्फोट के साथ धमाके होने लगे। यह सब होते देख इंजीनियर ने कर्मचारियों ने कहा, भाग जाओ, लेकिन वह खुद आग में घिरते गए। एक तरफ धधकती आग थी और दूसरी तरफ 60 फीट की गहराई। इंजीनियर नीचे उतरने के रास्ते तक नहीं पहुंच पाए और आग से बचने के लिए खिड़की से छलांग लगा दी। गंभीर चोट लगने के कारण उनकी मौत हो गई।
मोहिउद्दीनपुर चीनी मिल परिसर में ही तीन मंजिल है। यहां पर टरबाइन मशीन का सिस्टम लगा है। चीनी मिल और नंगला पाटू गांव सहित अन्य क्षेत्रों में बिजली सप्लाई होती है। मिल का पेराई सत्र भी शुरू हो गया है। टरबाइन में कई दिन से दिक्कत आ रही थी। टरबाइन मशीन के नीचे एक ट्रैक है। इसमें ऑयल (केमिकल) भरा होता है। वह मशीन को गर्म करता है।
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टरबाइन के एक पाइप में दोपहर को धुआं उठने लगा। कर्मचारियों ने चीफ इंजीनियर नरेंद्र कुमार को जानकारी दी। इंजीनियर आए और पाइप लाइन ठीक करने लगे। तभी, आग धधकने लगी और ट्रैक तक पहुंच गई। कर्मचारी दूसरी और तीसरी मंजिल की सीढ़ियों से नीचे उतर गए। बताया गया कि हादसे के समय कुछ कर्मचारी लंच कर रहे थे। आग की लपटें उठीं तो वह वहां से भागने लगे।