मेरठ में लावड़ के सौरभ गुप्ता की भले ही हिंदू संगठन से वापसी करा दी, लेकिन परिवार के लोगों ने उसे ठुकरा दिया है। परिवार अभी मानने को तैयार नहीं है कि उनका बेटा अपनी पत्नी शादमा और दो बच्चों को हमेशा के लिए छोड़कर उनके पास आ गया है। शादमा अपने बच्चों के साथ मुजफ्फरनगर के खालापार में रह रही है।
मौलाना कलीम सिद्दीकी और फिर हिंदू संगठन के जंजाल में सौरभ ऐसे फंसा कि उसकी जिंदगी ही भटक गई है। 12 साल पूर्व लावड़ में कोचिंग सेंटर संचालक की बहन ने खतौली की शादमा से सौरभ की जान पहचान कराई। सौरभ धर्मांतरण करके मुस्लिम समुदाय के लोगों की तरह सारे काम करता था। वह फिलहाल अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ मुजफ्फरनगर में किराये के मकान में रह रहा था। करीब 25 दिन पहले हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ता ने सौरभ गुप्ता व मुजफ्फरनगर के सुशील जैन की हिंदू समाज में वापसी कराई थी। दोनों का मुंडन कराकर खतौली में बड़ा यज्ञ भी कराया था। सौरभ घर वापस तो आ गया, लेकिन परिवार ने उसे ठुकरा दिया।
मौलाना कलीम सिद्दीकी और फिर हिंदू संगठन के जंजाल में सौरभ ऐसे फंसा कि उसकी जिंदगी ही भटक गई है। 12 साल पूर्व लावड़ में कोचिंग सेंटर संचालक की बहन ने खतौली की शादमा से सौरभ की जान पहचान कराई। सौरभ धर्मांतरण करके मुस्लिम समुदाय के लोगों की तरह सारे काम करता था। वह फिलहाल अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ मुजफ्फरनगर में किराये के मकान में रह रहा था। करीब 25 दिन पहले हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ता ने सौरभ गुप्ता व मुजफ्फरनगर के सुशील जैन की हिंदू समाज में वापसी कराई थी। दोनों का मुंडन कराकर खतौली में बड़ा यज्ञ भी कराया था। सौरभ घर वापस तो आ गया, लेकिन परिवार ने उसे ठुकरा दिया।