कानपुर में पत्नी और बच्चों की हत्या करने वाले डॉ. सुशील कुमार के घर से बरामद नोट में उसने कोरोना से डिप्रेशन में आने की बात जरूर लिखी है, लेकिन परिजन इसे पूरी तरह से खारिज कर रहे हैं। डॉक्टर की पत्नी चंद्रप्रभा के परिजनों का कहना है कि सुशील पूरी तरह से ठीक है। डिप्रेशन में होने का नाटक कर रहा है। डिप्रेशन में होता तो पूरी साजिश के तहत तीनों की हत्या न करता।
चंद्रप्रभा के चाचा कन्हैया लाल का कहना है कि सुशील हमेशा से ही शांत स्वभाव का रहा है। न किसी से अधिक बोलता था और न ज्यादा किसी से मतलब रखता था। कोई कहे कि सुशील डिप्रेशन में है, तो गलत है। कन्हैया लाल का कहना है कि सुशील ने पूरे होश में पत्नी व बच्चों को मारा है। इसके लिए बाकायदा उसने साजिश रची। नशीला या जहरीला पदार्थ लेकर आया। चाय में मिलाकर सभी को पिलाया और हत्या कर फरार हो गया। खुद के बचाव में व पुलिस को गुमराह करने के लिए उसने कोविड से डिप्रेशन में होने की बात लिखी है।
....तो खुद क्यों नहीं मर गया
कन्हैया लाल व अन्य परिजनों का कहना था कि सुशील ने खुद को डिप्रेशन में होने का दावा किया है। ऐसे में सवाल उठता है कि अगर वह डिप्रेशन में है तो उसने खुद को क्यों नहीं मार लिया। पत्नी व बच्चों को मारकर खुद क्यों फरार हो गया। हर किसी को आशंका है कि सुशील ने किसी कारण की वजह से परिवार को खत्म किया और अब अंडरग्राउंड हो गया है।
मेहमानों से भी नहीं रखता था वास्ता
कन्हैया लाल व सुशील के भाई सुनील ने बताया कि वह खुद को इतना रिजर्व रखता था कि कोई मेहमान घर आता था तो उनसे भी बातचीत नहीं करता था। एकांत में जाकर चाय पीता और बाहर चला जाता। कन्हैया का कहना है कि यह रवैया जब से उसकी शादी हुई थी, तभी से देख रहे हैं।
इसलिए साजिश की आशंका
सुशील ने जिस तरह से तीनों की हत्या की, उससे एक बात तो साफ है कि बाकायदा साजिश के तहत वारदात की। इसके बाद फरार हो गया। कई घंटे बाद खुद व्हाट्सएप पर जानकारी दी। फिर फोन भी बंद हो गया। इन सभी तथ्यों की वजह से साजिश की आशंका है।
पत्र में बीमारियां गिनाकर क्या जताना चाहता था
पुलिस के अनुसार डॉक्टर का लिखा पत्र किसी साजिश की ओर इशारा कर रहा है। खुद को डिप्रेशन में बताने के लिए डॉक्टर ने पत्र में कुछ बीमारियों के नाम भी गिनाए, जिसमें ‘कोविड रिलेटेड डिप्रेशन’, ‘फोबिया’, ‘मेजर डिप्रेसिव डिसॉर्डर’, ‘मैलिग्नेंट डिप्रेशन’ आदि हैं। इतनी बीमारियों के जिक्र करने से प्रतीत होता है, जैसे वह चाहता था कि पुलिस यकीन करे कि वह वाकई डिप्रेशन में है। हालांकि पुलिस डॉक्टर के न मिलने तक इसे एक सोची समझी साजिश का हिस्सा मानकर ही जांच कर रही है।