एएसआई की (आर्किलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया) की जांच रिपोर्ट में 20 फीट गहराई में अचुंबकीय धातु (नान मैग्नेटिंग मेटल) होने की पुष्टि होने की रिपोर्ट के बाद 19 अक्तूबर 2013 को खजाने की तलाश में एएसआई ने खुदाई शुरू की थी। चंद घंटों में उन्नाव देश और दुनिया की नजरों में छा गया था। लेकिन खजाने की तलाश में लगातार 24 दिनों तक चली खोदाई के बाद भी खजाना नहीं निकला।मालूम हो कि संत शोभन सरकार व उनके शिष्य बाबा ओम ने डौंडियाखेड़ा गांव में स्थित राजा राव रामबक्श सिंह के खंडहर किले के भूगर्भ में 1000 टन सोना होने की भविष्यवाणी की थी। संत शोभन सरकार ने तत्कालीन केंद्र सरकार के एक मंत्री की मदद ली और एएसआई (आर्किलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया) की टीम से जांच कराई गई। एएसआई ने रिपोर्ट में नान मैग्नेटिंग मेटल (अचुंबकीय धातु) होने की पुष्टि की।