कानपुर में हर्ष फायरिंग में जान गंवाने वाला सादिक अर्थिक संकट से जूझ रहा था। वर्ष 2007 से 2016 के बीच वह सात बार मिस्टर कानपुर (शारीरिक सौष्ठव प्रतियोगिता के विजेता) रहे। इसके बाद वर्ष 2017 में पहली बार मिस्टर यूपी चुने गए थे।
एक-एक रुपये जोड़कर उसने छह साल पहले मीरपुर कैंट में मीनारी मस्जिद के पास गुलजार अल्टिमेट के नाम से जिम खोले। जिम न चलने के वजह से वह दुकान और बिजली का बिल भी नहीं भर पा रहे थे। इसके चलते उन्होंने रात में बाउंसर की नौकरी करना शुरू कर दिया था।
भाई साजिद का कहना था कि पिता की मौत के बाद से वह घर खर्च चला रहे थे। उनकी मौत से पूरा परिवार सड़क पर आ गया। बुजुर्ग मां शमीम फातिमा, पत्नी आश्मा और दो बेटियों आयरा (5) व आरफा (3) का रो-रोकर बुरा हाल है।
एक-एक रुपये जोड़कर उसने छह साल पहले मीरपुर कैंट में मीनारी मस्जिद के पास गुलजार अल्टिमेट के नाम से जिम खोले। जिम न चलने के वजह से वह दुकान और बिजली का बिल भी नहीं भर पा रहे थे। इसके चलते उन्होंने रात में बाउंसर की नौकरी करना शुरू कर दिया था।
भाई साजिद का कहना था कि पिता की मौत के बाद से वह घर खर्च चला रहे थे। उनकी मौत से पूरा परिवार सड़क पर आ गया। बुजुर्ग मां शमीम फातिमा, पत्नी आश्मा और दो बेटियों आयरा (5) व आरफा (3) का रो-रोकर बुरा हाल है।