गांव के बुजुर्गों चतुरी देवी (95), चंद्रकली (85), भगवानदीन (69) और मो.शौकत अली (81) ने बताया कि वह लोग अपने पुरखों से सुनते चले आए हैं कि जगन्नाथ मंदिर की छत पर लगे पत्थर से जब पानी की बूंदें टपकनी शुरू हो जाती हैं तो इसके एक पखवारे बाद मानसून सक्रिय हो जाता है।