प्रयागराज-कानपुर हाईवे पर शनिवार की सुबह आधारपुर गांव के सामने तेज रफ्तार कार खड़े कंटेनर से टकरा गई। हादसे में कार सवार रेलवे कर्मी, उनके पिता और दो बेटियों की मौत हो गई, जबकि कार चला रही रेलवेकर्मी की पत्नी शिक्षिका व बेटा घायल हो गए हैं।
प्रतापगढ़ के रानीगंज में रहने वाली नीलम वर्मा कानपुर जाने के लिए भोर पहर से ही तैयारी में जुटी थीं। तड़के करीब चार बजे पिकअप में सामान लादा गया। पांच से छह बजे के बीच परिवार कानपुर के लिए निकला। ऐसा अंदेशा जताया जा रहा है कि कार चलाते वक्त नीलम को झपकी आई और उनकी कार सिक्सलेन पर किनारे खड़े कंटेनर में पीछे से जा टकराईं।
शुक्रवार देर रात तक पैकिंग और फिर भोर से ही सामान को गाड़ियों में लादने की प्रक्रिया के चलते नीलम ठीक से सो भी नहीं पाईं थीं। झपकी आने का एक बड़ी वजह यह भी माना जा रहा है। सुबह करीब आठ बजे हादसा हुआ और इसके करीब 15 से 20 मिनट बाद कोतवाली और चौकी पुलिस मौके पर पहुंच गई।
जब पुलिस वहां पहुंची तो कंटेनर नहीं मिला। प्रत्यक्षदर्शियों ने पुलिस को बताया कि कंटेनर चालक हादसा होते ही गाड़ी लेकर भाग निकला। पुलिस ने सभी को बाहर निकाला और एंबुलेंस व अपनी गाड़ी से लेकर सीएचसी हरदो पहुंची। जहां अमर सिंह, अनन्या व तन्नो को मृत बताया गया।
जबकि हालत नाजुक होने पर रामकिशोर को फतेहपुर भेजा गया। फतेहपुर पहुंचने के बाद रामकिशोर ने भी दम तोड़ दिया। नीलम और बेटे अयांश को जिला अस्पताल से कानपुर रेफर किया गया। नीलम और अयांश का निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है।
करीब 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से टकराई कार
प्रत्यक्षदर्शी राहगीरों ने पुलिस को बुलाया कि कार तेज रफ्तार में थी। क्षतिग्रस्त कार को देखकर पुलिस का भी अनुमान है कि कार की रफ्तार 100 किमी प्रति घंटे के करीब थी और जैसे ही वह कंटेनर से टकराई तो एक तेज आवाज ने आसपास मौजूद लोगों को चौंका दिया। जब लोग कार के नजदीक पहुंचे तो अंदर सभी लोग मरणासन्न हालत में पड़े थे।
दो एयरबैग खुले, पत्नी बची लेकिन पति की हुई मौत
जिस कार से परिवार यात्रा कर रहा था, वह कार नीलम वर्मा ने 2020 में दीपावली पर ली थी। पुलिस जब मौके पर पहुंची तो बेहोश नीलम वर्मा ड्राइविंग सीट पर थीं। उन्होंने सीट बेल्ट लगा रखी थी और उनकी तरफ का एयरबैग भी खुला था। जबकि बगल में बैठे अमर सिंह ने सीट बेल्ट नहीं लगा रखी थी। हालांकि उनके सामने लगा एयरबैग खुला मिला, लेकिन वह उनकी जान नहीं बचा सका। पुलिस का मानना है कि सीट बेल्ट न लगी होने से अमर सिंह का सिर आगे किसी चीज से टकरा गया। सिर पर आई गंभीर चोट से इसकी पुष्टि भी होती है।
चाचा रविशंकर ने हादसा देखा लेकिन समझ नहीं पाए
अमर सिंह के चाचा रविशंकर ने बताया कि नीलम को कानपुर शिफ्ट कराने के लिए वह और गांव का एक साथी शुक्रवार को अमर सिंह व रामकिशोर के साथ प्रतापगढ़ गए थे। वहां दो पिकअप पर माल लदाकर लौट रहे थे। रविशंकर और उनका साथी पिकअप में थे। जबकि परिवार कार में था। बताया कि जब हादसा हुआ तो वह पिकअप में पीछे थे। मौके पर जब गाड़ी पहुंची तो उन्होंने लोगों की भीड़ लगी देखी, हादसे की बात बताई गई। लेकिन वह यह नहीं समझ सके कि हादसा उनके ही परिवार के साथ हुआ है। वह दोनों पिकअप को लेकर आगे निकल गए। कुछ देर बाद जब फोन आया तो वह लौटे और फिर अस्पताल पहुंचे।
अयांश को गोद में लाई पुलिस
हादसे के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और सभी को बाहर निकाला गया। एंबुलेंस से अमर सिंह, अनन्या, तन्नो, रामकिशोर, नीलम को एंबुलेंस के जरिए अस्पताल लाया गया। जबकि दर्द के कारण रो रहे तीन साल के अयांश को सिपाही गोद में लेकर अस्पताल की ओर भागा। अयांश के बाएं पैर में फैक्चर था। सिपाही उसे कभी गोद तो कभी कंधे पर लेकर इलाज करते दिखे।