अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत की जांच में जुटी सीबीआई को प्रारंभिक जांच के बाद मामले में गहरी साजिश के संकेत मिले हैं। महंत नरेंद्र गिरि की मौत के दिन मठ में लगे कैमरे बंद पाए गए हैं। हालांकि कक्ष से लेकर सीढ़ियों तक पर लगे सीडी प्लस के कैमरे सही पाए गए हैं। इसके अलावा आगंतुक कक्ष में नरेंद्र गिरि को किसी का इंतजार था। वह कौन था इसके बारे में अभी तक पता नहीं चल पाया है। वहीं, महंत की मौत की जांच कर रही सीबीआई ने रविवार को मठ में क्राइम सीन दोहराया। इसके साथ सीबीआई टीम के कुछ सदस्यों ने लेटे हनुमान मंदिर पहुंचकर वहां प्रशासन देखने वालों से पूछताछ की। सीबीआई मंदिर प्रांगण में स्थित ऑफिस भी गई। नरेंद्र गिरी और आनंद गिरि जिन कमरों में बैठते थे, वहां भी सीबीआई पहुंची। टीम ने मंदिर प्रशासन से जुड़े लोगों से पूछताछ की। वह जगह भी देखी जहां संदीप तिवारी और उसके भाई दुकान चलाते थे।
आखिरी बार 12:24 बजे सीढ़ियों से उतरे से महंत नरेंद्र गिरि
प्रयागराज के बाघंबरी मठ की पहली मंजिल पर महंत के कक्ष से लेकर सीढ़ियों तक पर लगे सीडी प्लस के कैमरे सही पाए गए हैं। इन कैमरों में उस दिन महंत के अपने निजी कक्ष से बाहर निकलने की फुटेज मौजूद है।
घटना वाले दिन महंत नरेंद्र गिरि दिन के 12:24 बजे अपने कक्ष से निकलकर सीढ़ियों से नीचे उतरते हुए दिखाए दे रहे हैं। इसके बाद वह किधर गए और किससे, कहां मिले, बाहरे के कैमरे बंद होने की वजह से यह सब रहस्य बन गया है।
आगंतुक कक्ष में किसी का था उन्हें इंतजार
मठ के मुंशी सर्वेश तिवारी उर्फ बब्लू का कहना है कि उस दिन नरेंद्र गिरि महाराज भोजन के बाद अपने ऊपर वाले कक्ष में गए ही नहीं थे। दिन के 11:30 बजे भोजन के लिए मठ की घंटी बजी, इसके बाद वह नीचे आए थे।
भोजन के बाद वह आगंतुक कक्ष में किसी मुलाकाती का इंतजार करने चले गए थे। तब उन्होंने वहां मौजूद सेवादारों और चाय-नाश्ते के इंतजाम में रहने वाले कर्मियों को यह जानकारी दी थी, कि कोई उनसे मिलने के लिए आने वाला है। वह कौन था? कब आया और कैसे महंत की जान चली गई, यह सारे सवाल उन्हीं कर्मियों, सेवादारों और विद्यार्थियों के बीच रहस्य बनकर रह गए हैं।