अव्वल अल्लह नूर उपाया कुदरत के सब बंदे/ एक नूर ते सब जग उपजाया कौन भले को मंदे...। इन्हीं पंक्तियों के साथ सोमवार को सिख मतावलंबियों ने गुरु महिमा का बखान किया। शबद-कीर्तन से गुरुनानक देव के प्रकाशोत्सव पर सदियाबाद और खुल्दाबाद समेत शहर भर के गुरुद्वारों में संगतें निहाल हुईं। अरदास के बाद दीपदान किया गया। इस प्रकाश पर्व पर हर जाति-धर्म के लोगों ने गुरु दरबार में मत्था टेका। गुरु के अटूट लंगर में लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया।