करीब 2700 नन्हे घड़ियाल चंबल के कुनबे में शामिल हो गए हैं। आगरा के डीएफओ दिवाकर श्रीवास्तव ने बताया कि पिछले साल बाह, इटावा रेंज में घड़ियाल के 144 नेस्ट थे, जबकि इस वर्ष 147 नेस्टों में घड़ियालों ने अंडे दिए हैं। अंडों से निकले नन्हे घड़ियालों को चंबल नदी में छोड़ा गया है।
मार्च के आखिर से अप्रैल तक चंबल की बालू में घड़ियालों ने अंडे दिए थे। एक नेस्ट में 25 से 60 अंडे थे। इनसे औसतन 32 बच्चे निकलते हैं। नेस्टिंग के समय पर वन विभाग ने जीपीएस से लोकेशन ट्रेस कर जाली लगाई थी ताकि जानवर अंडों को नष्ट ना कर सकें। रेंजर आरके सिंह राठौड़ ने बताया कि नेस्टों से सरसराहट की आवाज आने पर जाली हटा दी गई थी। बाह रेंज में रेहा, बरेंडा, कछियारा, मऊ, हरलालपुरा, नदगवां, महुआशाला आदि क्षेत्रों में 93 नेस्ट थे। हैचिंग का काम लगभग पूरा होने को है। अब मगरमच्छ की हैचिंग होनी है।
मार्च के आखिर से अप्रैल तक चंबल की बालू में घड़ियालों ने अंडे दिए थे। एक नेस्ट में 25 से 60 अंडे थे। इनसे औसतन 32 बच्चे निकलते हैं। नेस्टिंग के समय पर वन विभाग ने जीपीएस से लोकेशन ट्रेस कर जाली लगाई थी ताकि जानवर अंडों को नष्ट ना कर सकें। रेंजर आरके सिंह राठौड़ ने बताया कि नेस्टों से सरसराहट की आवाज आने पर जाली हटा दी गई थी। बाह रेंज में रेहा, बरेंडा, कछियारा, मऊ, हरलालपुरा, नदगवां, महुआशाला आदि क्षेत्रों में 93 नेस्ट थे। हैचिंग का काम लगभग पूरा होने को है। अब मगरमच्छ की हैचिंग होनी है।