इन दिनों ओपनएआई रिसर्च कंपनी द्वारा तैयार किए गए लैंग्वेज मॉडल टूल चैटजीपीटी का बिजनेस, एजुकेशन, कस्टमर सपोर्ट से लेकर गवर्नेंस और कई दूसरे क्षेत्रों में जमकर उपयोग किया जा रहा है। यही नहीं दुनिया में कई देशों की सरकार नीति निर्माण करने के लिए भी चैटजीपीटी जैसे टूल के इस्तेमाल को लेकर विचार और विमर्श कर रही हैं। एक तरफ जहां चैटजीपीटी जैसे लैंग्वेज मॉडल टूल की भविष्य में अच्छी संभावनाएं देखी जा रही हैं। वहीं उसी के समानांतर चैटजीपीटी से जुड़े कई नकारात्मक पहलू भी सामने निकलकर आने लगे हैं।
इसी कड़ी में चैटजीपीटी से जुड़ी एक घटना देश दुनिया में खूब सुर्खियां बटोर रही है। यह घटना एवियांका एयरलाइन से जुड़े एक केस की है, जहां वकील ने केस जीतने के लिए चैटजीपीटी से मिली जानकारियों का इस्तेमाल कोर्ट में सुनवाई के दौरान किया। हालांकि, बाद में पता चला कि चैटजीपीटी से मिले जिन उद्धरणों और संदर्भों का जिक्र मामले की सुनवाई के दौरान किया गया था। वह पूरी तरह झूठे थे।
इसी कड़ी में चैटजीपीटी से जुड़ी एक घटना देश दुनिया में खूब सुर्खियां बटोर रही है। यह घटना एवियांका एयरलाइन से जुड़े एक केस की है, जहां वकील ने केस जीतने के लिए चैटजीपीटी से मिली जानकारियों का इस्तेमाल कोर्ट में सुनवाई के दौरान किया। हालांकि, बाद में पता चला कि चैटजीपीटी से मिले जिन उद्धरणों और संदर्भों का जिक्र मामले की सुनवाई के दौरान किया गया था। वह पूरी तरह झूठे थे।