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Lord Ganesh: गणेशजी की सूंड में छुपा है सुख-समृद्धि का रहस्य, स्थापना से पहले जान लीजिए नियम

ज्योतिष डेस्क, अमर उजाला Published by: विनोद शुक्ला Updated Wed, 31 May 2023 10:34 AM IST
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सनातन धर्म में भगवान गणेश सर्वप्रथम पूजनीय देव हैं। किसी भी मांगलिक कार्य और पूजन के प्रारंभ से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है। मान्यता है कि भगवान श्रीगणेश सुख-समृद्धि वाले देव हैं और उनकी कृपा से ही जीवन में सभी कार्य बिना विघ्न के पूर्ण होते हैं, इसलिए लोग भगवान गणेश की प्रतिमा को घर के मंदिर में विराजमान करते हैं।

श्रीगणेश की प्रतिमा लाने से पूर्व या घर में स्थापना से पूर्व यह सवाल सामने आता है कि श्रीगणेश जी की सूंड किस तरफ होनी चाहिए ? क्या कभी आपने ध्यान दिया है कि भगवान गणेश की तस्वीरों और मूर्तियों में उनकी सूंड दाई या कुछ में बाई ओर होती है। सीधी सूंड वाले भगवान गणेश दुर्लभ हैं। इनकी एक तरफ मुड़ी हुई सूंड के कारण ही गणेश जी को वक्रतुण्ड कहा जाता है। भगवान गणेश के वक्रतुंड स्वरूप भी दो प्रकार के हैं। कुछ प्रतिमाओं में गणेशजी की सूंड बांयी ओर घूमी हुई होती है तो कुछ में दांयी ओर। गणपति जी की बांयी सूंड में चंद्रमा का और दांयी में सूर्य का प्रभाव माना गया है। गणेश जी की सीधी सूंड तीनों तरफ से दिखती है।

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दांयी ओर सूंड वाले सिद्धिविनायक
दांयी ओर घूमी हुई सूंड वाले गणेशजी हठी होते हैं। आमतौर पर ऐसी प्रतिमा घर और ऑफिस में नहीं रखी जाती बल्कि मंदिर में लगाई जाती हैं। इनको स्थापित करने पर कई धार्मिक रीतियों का पालन करना जरूरी होता है। ऐसे गणेशजी का पूजन विघ्न-विनाश, शत्रु पराजय, विजय प्राप्ति, उग्र तथा शक्ति प्रदर्शन जैसे कार्यों के लिए फलदायी माना जाता है। दायीं ओर घूमी हुई सूंड वाले गणेशजी सिद्धिविनायक कहलाते हैं। ऐसी मान्यता है कि इनके दर्शन से हर कार्य सिद्ध हो जाता है। किसी भी विशेष कार्य के लिए कहीं जाते समय यदि इनके दर्शन करें तो वह कार्य सफल होता है और शुभ फल प्राप्त होता है।
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बांयी सूंड वाले विघ्नविनाशक
सिंहासन पर बैठे हुए गणेशजी की प्रतिमा जिनकी सूंड बांयी ओर मुड़ी होती है, पूजाघर में रखी जानी चाहिए। इनकी पूजा से घर में सुख-शांति व समृद्धि आती है। ऐसी मूर्ति की पूजा स्थायी कार्यों के लिए की जाती है। जैसे शिक्षा, धन प्राप्ति, व्यवसाय, उन्नति, संतान सुख, विवाह, सृजन कार्य और पारिवारिक खुशहाली। घर के मुख्य द्वार पर भी गणेशजी की मूर्ति या तस्वीर लगाना शुभ होता है। यहां बायीं ओर घूमी हुई सूंड वाले गणेशजी की स्थापना करना चाहिए। बायीं ओर घूमी हुई सूंड वाले गणेशजी विघ्नविनाशक कहलाते हैं।
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इसलिए लगाते हैं इन्हें घर में
इन्हें घर में मुख्य द्वार पर लगाने के पीछे तर्क है कि जब हम कहीं बाहर जाते हैं तो कई प्रकार की बलाएं, विपदाएं या नेगेटिव एनर्जी हमारे साथ आ जाती है। घर में प्रवेश करने से पहले जब हम विघ्नविनाशक गणेशजी के दर्शन करते हैं तो इसके प्रभाव से यह सभी नेगेटिव एनर्जी वहीं रूक जाती है व हमारे साथ घर में प्रवेश नहीं कर पाती है। इससे घर में पॉजीटिव एनर्जी रहती है व वास्तु दोषों का नाश होता है।
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