13 जुलाई 2018 को साल का दूसरा सूर्यग्रहण पड़ रहा है, लेकिन यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। यह ग्रहण दूसरे सूर्यग्रहण से अलग है। दरअसल इस बार यह ग्रहण 13 तारीख की अशुभ तारीख को पड़ रहा है जिसे दुनियाभर में अशुभ माना जाता है। इस दिन शुक्रवार भी है और 13 तारीख और शुक्रवार के मेल को अशुभ माना जाता है।
इससे पहले इस दिन और तारीख पर 44 साल पहले ग्रहण लगा था। 13 दिसंबर 1974 के बाद ऐसा पहली बार है जब कोई सूर्यग्रहण शुक्रवार और 13 तारीख के मेल पर पड़ रहा हो। इसके बाद इस मेल पर 13 सितंबर 2080 में सूर्यग्रहण लगेगा।
सूर्यग्रहण का समय
साल का यह दूसरा सूर्यग्रहण करीब एक घंटे तक रहेगा। भारतीय समयानुसार ग्रहण 7 बजकर 18 मिनट से शुरू होगा और 8 बजकर कुछ मिनट तक रहेगा।
आपको बता दें, यह आंशिक सूर्यग्रहण भारत में नहीं देखने को मिलेगा। यह दुनिया के कुछ ही इलाकों में दिखने वाला है। यह सूर्यग्रहण अंटार्कटिका के उत्तरी हिस्से, न्यू जीलैंड के स्टीवर्ट आइलैंड, आस्ट्रेलिया के सुदूर दक्षिणी भागों, तस्मानिया, प्रशांत और हिंद महासागर में देखा जा सकेगा।
क्या होता है सूर्यग्रहण
चन्द्रमा जब पृथ्वी का चक्कर लगाते समय सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाती है तो ऐसी स्थिति में पृथ्वी पर चंद्रमा की छाया पड़ने लगती है जिसे सूर्य ग्रहण कहते हैं। यह ग्रहण आंशिक और पूर्ण दोनों तरह का होता है। सूर्यग्रहण में सूर्य,चंद्रमा और पृथ्वी तीनों एक ही सीधी रेखा में आ जाते हैं। सूर्यग्रहण हमेशा अमावस्या पर और चंद्रग्रहण पूर्णिमा के दिन पड़ता है।