Sundarkand Path Ke Niyam aur Labh: महाबली हनुमान कलयुग में एक मात्र ऐसे जागृत और साक्षात देवता हैं, जिनके सामने कोई भी मायावी शक्ति नहीं टिक पाती है। इनकी कृपा से बड़े से बड़ा संकट भी टल जाता है, इसलिए हनुमान जी को संकट मोचन भी कहा जाता है। आठों सिद्धियों और नौ निधियों के दाता की कृपा पाने के लिए सुंदरकांड का पाठ करना भी बेहद उत्तम माना जाता है। सुंदरकांड तुलसीदास जी रचित श्रीरामचरितमानस का वह हिस्सा है, जिसमें भगवान हनुमान की अपार महिमा बताई गई है। सुंदरकांड के पाठ से महाबली हनुमान जल्द प्रसन्न होते हैं। हालांकि इसका का पाठ करने के लिए कुछ जरूरी नियम भी बताए गए हैं, जिनका पालन करना बहुत जरूरी होता है। आइए जानते हैं सुंदरकांड के लाभ और नियम...
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