हर धर्म में दान करने का बहुत महत्व माना जाता है। सनातन धर्म में भी दान का महत्व बताया गया है। माना जाता है कि दान करने से मनुष्य का इस लोक के बाद परलोक में भी कल्याण होता है। लेकिन आज के बदलते समय में लोगों के लिए दान का अर्थ केवल धन दान तक ही सीमित रह गया है चाहें इसे समय की कमी कहें या कुछ और। दान कर्म को पुण्य कर्म में जोड़ा जाता है। भारतीय संस्कृति में वैदिक काल से ही दान करने की परंपरा चली आ रही है। हिंदू सनातन धर्म में पांच प्रकार के दानों का वर्णन किया गया है। ये पांच दान हैं, विद्या, भूमि, कन्या, गौ और अन्न दान। इन पांचो दानों का बहुत महत्व माना जाता है। लेकिन दान करते समय ध्यान रखें कि किसी भी प्रकार का दान निस्वार्थ भाव से किया जाना चाहिए। वह तभी फलीभूत होता है। तो चलिए जानते हैं इन पांचो दानों का महत्व...