व्रत विधि
करवा चौथ का व्रत पूरे दिन बिना कुछ खाए पीए निर्जला व्रत किया जाता है। करवा चौथ की पूजा करने का प्रावधान विशेष तौर पर रात्रि के समय चांद निकलने के बाद होता है। इसलिए सुबह स्नानादि करके पुजा घर में भगवान के समक्ष पूजा करके व्रत आरंभ करें। अगर आपके यहां सुबह सूर्योदय से पहले सरगी की परंपरा है तो जल्दी उठकर सरगी खा लें। सरगी में सास अपनी बहू को मेवा, फल और मीठी चीजे देती है, साथ ही में सास अपनी बहू को सुहाग का सामान भी देती है।
करवा चौथ का व्रत पूरे दिन बिना कुछ खाए पीए निर्जला व्रत किया जाता है। करवा चौथ की पूजा करने का प्रावधान विशेष तौर पर रात्रि के समय चांद निकलने के बाद होता है। इसलिए सुबह स्नानादि करके पुजा घर में भगवान के समक्ष पूजा करके व्रत आरंभ करें। अगर आपके यहां सुबह सूर्योदय से पहले सरगी की परंपरा है तो जल्दी उठकर सरगी खा लें। सरगी में सास अपनी बहू को मेवा, फल और मीठी चीजे देती है, साथ ही में सास अपनी बहू को सुहाग का सामान भी देती है।