आज से विक्रम संवत्सर 2078 का आरंभ हो रहा है। आनंद नामक संवत्सर लुप्त है इसीलिए वर्षपर्यंत जप-तप, पूजा-पाठ तथा सभी मांगलिक कार्यों में संकल्प के समय ‘राक्षस’नामक संवत्सर का ही प्रयोग किया जाएगा। गुरुमान से रूद्र विंशति के अंतर्गत दशमयुग का चतुर्थ राक्षस नामक 49वाँ संवत्सर वर्षपर्यंत विद्यमान रहेगा। इस वर्ष संवत् के राजा और मंत्री दोनों का प्रभार मंगल के पास रहेगा। सूर्य के मेष संक्रांति के समय भरणी नक्षत्र भी विद्यमान रहेगी। इसलिए आगामी वर्ष में वर्षा भी अच्छी और उपयोगी होगी।
रोहिणी का वास
रोहिणी का वास तट पर होने के परिणामस्वरूप समय का वास धोबी के घर होगा, जिसके फलस्वरूप धान, चावल, गेहूं, चना,गन्ना मक्का, हरी सब्जियों और फलों का उत्पादन अच्छा रहेगा। लोगों में सुख एवं ऐश्वर्य के साधन बढ़ेंगे। कुएं, तालाब, नदी, नाले, बावड़ियाँ और दरिया आदि जल से परिपूर्ण रहेंगे।
राक्षस नामक संवत्सर का फल
राक्षस नामक संवत्सर के विषय में माता पार्वती को समझाते हुए भगवान शिव कहते हैं कि हे जीवनसंगिनी ! इस संवत्सर में प्राकृतिक प्रकोप, रोग, अव्यवस्था के कारण पशुओं की हानि, विभिन्न रोगों एवं महामारी से लोगों को कष्ट रहेगा। आवश्यक वस्तुओं के मूल्यों में अत्यधिक वृद्धि होगी। हर तरफ से भय और पीड़ा का वातावरण रहेगा। सभी लोग स्वार्थवश अपने निजी कार्यों में व्यस्त रहेंगे। लोग क्रिया रहित और आचरणहीन बर्ताव करेंगे।
राजा और मंत्री मंगल
संवत् के राजा का प्रभार मंगल के पास है इसलिए देश में प्राकृतिक आपदाओं, भूकंप, आंधी तूफान, आगजनी की घटनाएं, ओलावृष्टि, आतंकवादी घटनाओं तथा सांप्रदायिकता का वर्चस्व बढ़ेगा। मंत्री का प्रभार भी मंगल के पास है इसलिए सरकार कठोर फैसले लेने के लिए स्वतंत्र रहेगी। धातुओं की कीमतें भी बढ़ती जाएंगी। सत्ता पक्ष और विपक्ष में आपसी टकराव बढ़ेगा।
व्यापारियों के लिए खुशियां
इस वर्ष धन (कोष) के स्वामी का अधिकार देव गुरु बृहस्पति के पास है इसलिए सरकार व्यापारियों के हित में कुछ नए फैसले लेगी और उनकी सहूलियत को ध्यान में रखकर ही कुछ नया कानून बनाएगी, जिससे व्यापारियों को अपने व्यापार में सफल होने में मदद मिलेगी। व्यापारियों की माली हालत में सुधार होगा और जनता की भी जीवन शैली, रहन-सहन तथा आर्थिक स्तर पर सुधार होगा।
सेनापति का प्रभार चंद्रमा के पास
वर्षपर्यंत ग्रहों में सेनापति का प्रभार चंद्रमा के पास रहने से शीर्ष नेतृत्व का मान सम्मान बढ़ेगा। विश्वस्तर पर देश की प्रतिष्ठा भी बढ़ेगी। फलों का अधिकार भी चंद्रमा के पास है इसीलिए देश में फूल और फलों की पैदावार सर्वाधिक रहेगी। किसानों के लिए यह साल अपेक्षाकृत बहुत बेहतर रहने वाला है। उन्हें फसलों के लिए पर्याप्त और समय पर वर्षा मिलेगी किंतु फसलों को रोग लगने एवं कीटाणुओं से बचाना भी पड़ेगा। राक्षस नामक संवत्सर होते हुए भी देश और जनता प्रगति के पथ पर आगे बढ़ते रहेंगे।