हर वर्ष कार्तिक मास की अमावस्या को दिवाली का त्योहार मनाया जाता है लेकिन क्या आपको पता है दिवाली के पंद्रह दिन बाद देव दिवाली भी मनाई जाती है। इस दिन का विशेष महत्व माना जाता है। कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को देव दिवाली के रूप में मनाया जाता है। इस बार कार्तिक मास की पूर्णिमा 30 नवंबर को पड़ रही है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन देवलोक से सभी देवता वाराणसी यानि महाकाल की नगरी काशी में पधारते हैं। इसलिए कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को काशी में बहुत साज-सज्जा की जाती है। तो चलिए जानते हैं देव दिवाली का महत्व शुभ मुहूर्त और कथा