पत्नी की पहचान धन के अभाव में
चाणक्य कहते हैं कि एक पत्नी कि पहचान तब होती है जब पति के पास धन न हो। यदि बुरे समय और धन के अभाव में भी पत्नी अपने पति के साथ रहती है और अपने पति की पीड़ा को समझती है एवं उसे संयम दिलाती है, वही सही मायनों में अच्छी और गुणी पत्नी है, क्योंकि पत्नी ही होती है जिसके सहयोग से पति बुरा समय भी आसानी से गुजार लेता है।
चाणक्य कहते हैं कि एक पत्नी कि पहचान तब होती है जब पति के पास धन न हो। यदि बुरे समय और धन के अभाव में भी पत्नी अपने पति के साथ रहती है और अपने पति की पीड़ा को समझती है एवं उसे संयम दिलाती है, वही सही मायनों में अच्छी और गुणी पत्नी है, क्योंकि पत्नी ही होती है जिसके सहयोग से पति बुरा समय भी आसानी से गुजार लेता है।