2021 Sakat Chauth: सकट चौथ व्रत 31 जनवरी को रखा जाएगा। धार्मिक दृष्टि से यह व्रत महत्वपूर्ण माना जाता है। प्रत्येक मास में दो चतुर्थी तिथि आती हैं। एक शुक्ल पक्ष में जिसे विनायक चतुर्थी कहते हैं और दूसरी कृष्ण पक्ष में जिसे संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। लेकिन सभी चतुर्थियों में माघ मास की संकष्टी चतुर्थी का विशेष महत्व माना गया है। जिसे लोकभाषा में सकट चौथ,माघी चौथ, संकटा चौथ, तिलकुट चौथ आदि नामों से जाना जाता है। संकष्टी चतुर्थी का अभिप्राय है संकटों का हरण करने वाली चतुर्थी। इस दिन भगवान गणेशजी के साथ-साथ भगवान शिव, माता पार्वती, कार्तिकेय, नंदी एवं चंद्रदेव की पूजा का विधान है। महिलाएं अपनी संतान की की दीर्घायु और खुशहाल जीवन की कामना के लिए यह व्रत रखती हैं। नारद पुराण के अनुसार इस दिन भगवान गजानन की आराधना से सुख-सौभाग्य में वृद्धि तथा घर -परिवार पर आ रही विघ्न-बाधाओं से मुक्ति मिलती है एवं रुके हुए मांगलिक कार्य संपन्न होते हैं। इस चतुर्थी में चन्द्रमा के दर्शन करने से गणेश जी के दर्शन का पुण्य फल मिलता है।