लोकप्रिय और ट्रेंडिंग टॉपिक्स

विज्ञापन

Magh Purnima 2023: 4 या 5 फरवरी कब है माघ पूर्णिमा ? जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व

धर्म डेस्क, अमरउजाला, नई दिल्ली Published by: श्वेता सिंह Updated Sat, 04 Feb 2023 08:39 AM IST
4 या 5 फरवरी कब है माघ पूर्णिमा
1 of 4
Magh Purnima 2023: माघ पूर्णिमा हिंदू कैलेंडर में एक महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। धार्मिक ग्रंथों में माघ मास में किए जाने वाले पवित्र स्नान और तपस्या की महिमा का वर्णन है। ऐसा माना जाता है कि माघ के महीने में हर एक दिन दान कार्य करने के लिए विशेष होता है। माघ पूर्णिमा, जिसे माघी पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है, माघ माह का अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण दिन है। लोग माघी पूर्णिमा पर गंगा, यमुना और सरस्वती नदी के संगम स्थल प्रयाग में पवित्र स्नान, दान, गाय और होम दान करने जैसे कुछ अनुष्ठान करते हैं। माघ के दौरान लोग पूरे महीने सुबह गंगा या यमुना में स्नान करते हैं। पौष पूर्णिमा से शुरू होने वाला दैनिक स्नान माघ पूर्णिमा पर समाप्त होता है। ऐसा माना जाता है कि इस दौरान किए गए सभी दान कार्य आसानी से फलित होते हैं। इसलिए लोग अपनी क्षमता के अनुसार जरूरतमंदों को दान देते हैं। यह प्रयाग में गंगा नदी के तट पर लगाए गए एक महीने के तपस्या शिविर कल्पवास का भी अंतिम दिन है। आइए जानते हैं माघी पूर्णिमा की सही तिथि, मुहूर्त और महत्व के बारे में। 
4 या 5 फरवरी कब है माघ पूर्णिमा
2 of 4
विज्ञापन
माघ माह के पूर्णिमा तिथि 
माघ माह पूर्णिमा तिथि आरंभ: 4 फरवरी 2023 रात्रि 09 :29 मिनट से 
माघ माह पूर्णिमा तिथि समाप्त: 5 फरवरी 2023 रात्रि 11: 58 मिनट तक 
उदया तिथि के अनुसार माघ पूर्णिमा 5 फरवरी 2023 को मनाई जाएगी।
आयुष्मान योग: सूर्योदय से दोपहर 02:41 मिनट तक
सौभाग्य योग: दोपहर 02: 41 मिनट से 6 फरवरी दोपहर 03: 25 मिनट तक।
विज्ञापन
4 या 5 फरवरी कब है माघ पूर्णिमा
3 of 4
माघी पूर्णिमा पूजा विधि 
  • माघी पूर्णिमा के दिन सुबह सूर्योदय से पहले किसी पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए। 
  • स्नान के बाद सूर्य मंत्र का जाप करते हुए सूर्य देव को अर्घ्य दें।
  • स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लेकर भगवान कृष्ण की पूजा करनी चाहिए।
  • गरीब, जरूरतमंद और ब्राह्मणों को भोजन कराकर दान-दक्षिणा देनी चाहिए।
  • तिल और काले तिल को विशेष रूप से दान में देना चाहिए। 
  • माघ मास में काले तिल से हवन करना चाहिए और काले तिल से पितरों का तर्पण करना चाहिए।
  • गायत्री मंत्र या 'ॐ नमो नारायण' मंत्र का लगातार 108 बार जप करना चाहिए।
4 या 5 फरवरी कब है माघ पूर्णिमा
4 of 4
विज्ञापन
माघी पूर्णिमा का महत्व 
माघी पूर्णिमा का दिन ज्योतिष शास्त्र में भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना धार्मिक दृष्टि से। पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन चंद्रमा कर्क राशि में प्रवेश करता है। इसलिए, यह माना जाता है कि माघी पूर्णिमा पर पवित्र स्नान करने से सूर्य और चंद्रमा से जुड़ी सभी कठिनाइयां दूर हो जाती हैं। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी माघ मास सहायक होता है। माना जाता है कि यह महीना बदलते मौसम के साथ तालमेल बिठाने में मदद करता है। फलस्वरूप माघी पूर्णिमा को स्नान करने से शरीर को बल और शक्ति की प्राप्ति होती है। इसके अलावा माघ पूर्णिमा गंगा स्नान पूर्णिमा के दिन पुष्य नक्षत्र हो तो वह दिन और भी शुभ हो जाता है। 
विज्ञापन
विज्ञापन
अगली फोटो गैलरी देखें
विज्ञापन
सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट अमर उजाला पर पढ़ें आस्था समाचार से जुड़ी ब्रेकिंग अपडेट। आस्था जगत की अन्य खबरें जैसे पॉज़िटिव लाइफ़ फैक्ट्स,स्वास्थ्य संबंधी सभी धर्म और त्योहार आदि से संबंधित ब्रेकिंग न्यूज़।
 
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें अमर उजाला हिंदी न्यूज़ APP अपने मोबाइल पर।
Amar Ujala Android Hindi News APP Amar Ujala iOS Hindi News APP
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

क्षमा करें यह सर्विस उपलब्ध नहीं है कृपया किसी और माध्यम से लॉगिन करने की कोशिश करें

;

Followed

;