दिवाली और शुभ मुहूर्त 2020
कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर दिवाली का त्योहार मनाया जाता है। इस बार 14 नवंबर को दिवाली है। मान्यता है कि अमावस्या तिथि की रात्रि को देवी लक्ष्मी पृथ्वी पर आती हैं। प्रदोष काल में लक्ष्मी गणेश पूजन का विशेष महत्व होता है। सायं 5 बजकर 24 मिनट से रात्रि 8 बजकर 06 तक प्रदोष काल मान्य रहेगा। प्रदोष काल से लेकर रात्रि 7 बजकर 5 मिनट तक लाभ की चौघड़िया भी विद्यमान रहेगी। यह भीमहालक्ष्मी और गणेश की पूजा के लिए श्रेष्ठ मुहूर्तों में से एक है। निशिता काल में लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त देर रात 11 बजकर 59 मिनट से देर रात 12 बजकर 32 मिनट तक है। 34 मिनट की अवधि में आपको लक्ष्मी पूजा संपन्न कर लेनी चाहिए।
कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर दिवाली का त्योहार मनाया जाता है। इस बार 14 नवंबर को दिवाली है। मान्यता है कि अमावस्या तिथि की रात्रि को देवी लक्ष्मी पृथ्वी पर आती हैं। प्रदोष काल में लक्ष्मी गणेश पूजन का विशेष महत्व होता है। सायं 5 बजकर 24 मिनट से रात्रि 8 बजकर 06 तक प्रदोष काल मान्य रहेगा। प्रदोष काल से लेकर रात्रि 7 बजकर 5 मिनट तक लाभ की चौघड़िया भी विद्यमान रहेगी। यह भीमहालक्ष्मी और गणेश की पूजा के लिए श्रेष्ठ मुहूर्तों में से एक है। निशिता काल में लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त देर रात 11 बजकर 59 मिनट से देर रात 12 बजकर 32 मिनट तक है। 34 मिनट की अवधि में आपको लक्ष्मी पूजा संपन्न कर लेनी चाहिए।