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विश्व धरोहर दिवस: 118 साल का हो गया कालका-शिमला रेल मार्ग, जानें इतिहास

अमर उजाला नेटवर्क, शिमला Published by: Krishan Singh Updated Sun, 18 Apr 2021 12:51 PM IST
World Heritage Day: World heritage Kalka-Shimla rail route becomes 118 years old, know its history
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विश्व धरोहर में शामिल ऐतिहासिक कालका-शिमला रेलवे मार्ग 118 साल का हो गया है। 9 नवंबर, 1903 को कालका-शिमला रेलमार्ग की शुरुआत हुई थी। अपने 118 वर्षों के सफर में यह रेलमार्ग कई इतिहास संजोए है। यह रेलमार्ग उत्तर रेलवे के अंबाला डिवीजन में आता है। देश-विदेश के सैलानी शिमला के लिए इसी रेलमार्ग से टॉय ट्रेन में सफर का लुत्फ  उठाते हैं। 1896 में इस रेल मार्ग को बनाने का कार्य दिल्ली-अंबाला कंपनी को सौंपा गया था। रेलमार्ग कालका स्टेशन 656 (मीटर) से शिमला (2,076) मीटर तक जाता है। 96 किमी लंबे रेलमार्ग पर 18 स्टेशन है। कालका-शिमला रेलमार्ग को केएसआर के नाम से भी जाना जाता है। 1921 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने भी इस मार्ग से यात्रा की थी।   
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103 सुरंगें आकर्षण का केंद्र
कालका-शिमला रेललाइन पर 103 सुरंगें सफर को रोमांचक बनाती हैं। बड़ोग रेलवे स्टेशन पर 33 नंबर बड़ोग सुरंग सबसे लंबी है। इसकी लंबाई 1143.61 मीटर है। सुरंग क्रॉस करने में टॉय ट्रेन ढाई मिनट का समय लेती है। रेलमार्ग पर 869 छोटे-बड़े पुल हैं। पूरे रेलमार्ग पर 919 घुमाव आते हैं। तीखे मोड़ों पर ट्रेन 48 डिग्री के कोण पर घूमती है। कालका-शिमला रेलमार्ग नेरोगेज लाइन है। इसमें पटरी की चौड़ाई दो फीट छह इंच है।
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जुलाई 2008 में मिला विश्व धरोहर का दर्जा
कालका-शिमला रेललाइन के ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए यूनेस्को ने जुलाई 2008 में इसे वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल किया था। कनोह रेलवे स्टेशन पर ऐतिहासिक आर्च गैलरी पुल 1898 में बना था। शिमला जाते यह पुल 64.76 किमी पर मौजूद है। आर्च शैली में निर्मित चार मंजिला पुल में 34 मेहराबें हैं।
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बाबा भलकू के सहयोग से पूरी हुई थी सुरंग
कालका से 41 किमी दूर बड़ोग रेलवे स्टेशन के पास बड़ोग सुरंग है, जिसे सुरंग नंबर 33 भी कहते हैं। 1143.61 मीटर लंबी सीधी सुरंग है। इसे बनाते हुए जब दोनों सिरे नहीं मिले थे तो ब्रिटिश इंजीनियर कर्नल बड़ोग ने एक रुपया जुर्माना लगने के कारण आत्महत्या कर ली थी। बाद में बाबा भलकू के सहयोग से यह सुरंग पूरी हुई थी।
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बॉलीवुड के लिए रहा है आकर्षण का केंद्र
कालका-शिमला रेललाइन बॉलीवुड के लिए आकर्षण का केंद्र रही है। 1974 में सुपरहिट फिल्म दोस्त का गाना गाड़ी बुला रही है इसी मार्ग पर फिल्माया गया था। 1960 में शम्मी कपूर की फिल्म ब्वाय फ्रेंड का गाना मुझको अपना बना लो... कालका-शिमला रेलमार्ग पर शूट हुआ था। साल 2000 में प्रीति जिंटा की फिल्म क्या कहना के साथ ऑल इज वेल, जब वी मेट, सनम रे और रमैया वस्तावेया जैसी फिल्मों की शूटिंग इस ट्रैक पर हो चुकी है।
 
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