हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने बुधवार को दसवीं कक्षा का परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया। परीक्षा परिणाम में बेटियों ने अपना परचम लहराया। परीक्षा परिणाम 87.5 फीसदी रहा। 90,375 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी थी, जिनमें से 78,573 विद्यार्थी सफल हुए, जबकि 9,571 के हाथ निराशा लगी। 1,409 विद्यार्थियों की कंपार्टमेंट आई है। बारहवीं कक्षा के परीक्षा परिणाम के बाद दसवीं में भी प्रदेश की बेटियों ने मेरिट सूची में शामिल 77 विद्यार्थियों में से 67 पर कब्जा जमाया, जबकि 10 छात्र इस सूची में शामिल हैं।
परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं का पुनर्मूल्यांकन/पुनर्निरीक्षण करवाने के इच्छुक परीक्षार्थी संबंधित पाठशाला के माध्यम से 14 जुलाई तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। पुनर्मूल्यांकन के लिए 500 रुपये और पुनर्निरीक्षण के लिए 400 रुपये प्रति विषय फीस देनी होगी। पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन करने के लिए संबंधित विषय में कम से कम 20 फीसदी अंक होना अनिवार्य हैं। परीक्षा में टॉपर रहे मेधावियों में कोई आईएएस बनना चाहता है तो किसी का सपना डॉक्टर, जज, व सेना अफसर बनना है।
देवांगी बोली, चिकित्सक बनकर पिता का सपना करूंगी पूरा
मंडी जिले के सरस्वती विद्या मंदिर तत्तापानी स्कूल की प्रियंका और एंग्लो संस्कृत मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल मंडी की देवांगी शर्मा ने 700 में से 693 (99%) अंक हासिल कर संयुक्त रूप से पूरे प्रदेश में टॉप किया। इनमें एंग्लो संस्कृत स्कूल मंडी की देवांगी और सरस्वती विद्या मंदिर तत्तापानी की प्रियंका शामिल हैं। छात्रा देवांगी पुरानी मंडी की निवासी हैं और उनके पिता हितेश शर्मा का निधन हो चुका है।
देवांगी ने कहा कि उनके पिता का सपना उनको डॉक्टर बनाना था, जिसे वह पूरा करेंगी। उन्होंने उपलब्धि का श्रेय अपने परिजनों खास तौर पर बड़ी बहन रिद्धि को दिया। जो वर्तमान में एनआईटी हमीरपुर से बीटेक कर रही हैं। उन्होंने कहा कि उनके परिवार ने कभी भी पढ़ने के लिए दबाव नहीं बनाया। हमेशा प्रेरित किया। देवांगी ने कहा कि वह चार से पांच घंटे पढ़ाई करती हैं। रात को 12 बजे तक पढ़ाई करती हैं। वह मेडिकल स्ट्रीम की हैं।
डाक सेवक की बेटी प्रियंका चिकित्सक बन करेंगी सेवा
करसोग के सरस्वती विद्या मंदिर तत्तापानी की बेटी प्रियंका ने 99 प्रतिशत अंक अर्जित कर प्रदेश में पहला स्थान हासिल किया है। प्रियंका ने कहा कि उसे बहुत खुशी हो रही है कि वह पूरे हिमाचल में पहले स्थान पर रही हैं। प्रियंका एक साधारण परिवार से संबंध रखती हैं। प्रियंका के पिता प्रभदयाल सब पोस्ट ऑफिस तत्तापानी में ग्रामीण डाक सेवक के रूप में कार्यरत हैं, जबकि माता गृहिणी हैं। प्रियंका ने बताया कि वह भलाण की रहने वाली हैं। उनका सपना डॉक्टर बनकर देश की सेवा करना है। परिवार की ओर से उनको हमेशा पढ़ने के लिए प्रेरित किया जाता है। अपनी कामयाबी का श्रेय प्रियंका ने अपने अध्यापकों और परिजनों को दिया। प्रियंका ने कहा कि वह सुबह और शाम दो-दो घंटों तक पढ़ाई करती हैं। उन्होंने संदेश दिया कि कोई भी काम कठिन नहीं होता, अगर मन में ठान लिया जाए।
आदित्य सांख्यान का न्यायाधीश बनना है सपना
बिलासपुर जिले के ग्राम पंचायत हटवाड़ के गांव सौंखरा के आदित्य सांख्यान ने 700 में से 692 अंक प्राप्त कर प्रदेश भर में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। आदित्य सरस्वती विद्या मंदिर उच्च पाठशाला हटवाड़ के छात्र हैं। इनके पिता अध्यापक और माता गृहिणी हैं। आदित्य दिन में सात से आठ घंटे पढ़ाई करते हैं। अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता और गुरुजनों को दिया है। कहा कि न्यायाधीश बनना सपना है।
डॉक्टर बनना चाहती हैं अंशुल ठाकुर
एसबीएम स्कूल मौंहीं की छात्रा अंशुल ठाकुर ने प्रदेश भर में तीसरा स्थान हासिल किया है। अंशुल के पिता महेंद्र सिंह और माता नीलम शिक्षक हैं। पिता सरकारी स्कूल में तैनात हैं। माता उसी स्कूल में पढ़ाती हैं जहां अंशुल खुद शिक्षा ग्रहण कर रही है। अंशुल ने बताया कि उसका सपना अच्छी और बेहतर मेडिकल की पढ़ाई करके डॉक्टर बनने का है