राजस्थान में बाड़मेर जिले के छोटे से गांव तारातरा के युवा किसान विक्रम सिंह तारातरा और उनकी जेट्टा फार्म्स (योट्टा एग्रो वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड) इन दिनों चर्चा में है। हो भी क्यों न, इनके 25 एकड़ खेत में इन दिनों जो हो रहा है। वह विश्व पटल पर रेतीले बाड़मेर और इनके गांव को नई पहचान देने जा रहा है।
विक्रम सिंह के खेत में दुनिया की सबसे बड़ी फूड कंपनियों में शुमार मैककेन फूड्स कनाडा के लिए आलू उगाए जा रहे हैं। भारत में मैककेन राजस्थान में किसी भी जगह से आलू नहीं ले रही है, सिवाय जेट्टा फार्म्स के। इस किसान की पूरी फसल कंपनी इनके खेत से खरीदने के सहमति पत्र पर हस्ताक्षर कर चुकी है।
जीरे और अनार की खेती में खास स्थान रखने वाले बाड़मेर जिले में आलू की व्यवसायिक खेती का यह प्रथम प्रयोग है। उम्मीद से लबरेज किसान विक्रम सिंह कहते हैं कि उन्हें पूरा भरोसा है कि यह पहल तकनीक आधारित खेती की दिशा में जिले के किसानों के लिए नए द्वार खोलेगी।
तकनीक आधारित खेती में रूचि रखने वाले विक्रम सिंह दो साल से कृषि में नवाचार की तैयारी कर रहे थे। नई राह तलाशने के दौरान उनका संपर्क जेट्टा फॉर्म्स कंपनी के कृषि विशेषज्ञों से हुआ। जेट्टा फॉर्म्स देश भर में संविदा खेती करती है।
जेट्टा के विशेषज्ञों ने करीब एक साल पहले तारातरा मठ स्थित विक्रम सिंह के खेत का दौरा कर मिट्टी-पानी इत्यादि आवश्यक तत्वों का अध्ययन किया। अंतत: जेट्टा फॉर्म्स के माध्यम से बहुराष्ट्रीय कंपनी मकेन ने यहां पर आलू की संविदा खेती का अनुबंध कर लिया।