राजस्थान के अलवर जिले में साल 2017 में एक महिला ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर पति, तीन बेटों और एक भतीजे की गला काटकर हत्या कर दी थी। छह साल बाद मंगलवार को कोर्ट ने इस भयानक हत्याकांड पर अपना फैसला सुना है। अपर जिला और सेशन कोर्ट-2 ने महिला और उसके प्रेमी को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इससे पहले सोमवार को इन पर आरोप साबित हो गए थे। कोर्ट ने सजा पर फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसके मंगलवार को सुनाया गया।
छह साल पहले हुए इस हत्याकांड ने अलवर ही नहीं पूरे राजस्थान को हिलाकर कर रख दिया था। महिला ने जिस दर्दनाक तरीके से अपने पति और मासूम बच्चों की हत्या की उससे सभी लोग हैरान थे। इस हत्याकांड ने सभी को यह सोचने पर मजबूर कर दिया था कि मां ऐसी भी हो सकती है।
दरअसल, ये खौफनाक कहानी है अलवर के शिवाजी पार्क में रहने वाले एक परिवार की। 1999 में बनवारी लाल शार्मा की शादी कठूमर के गारू गांव में रहने वाली ताइक्वांडो कोच संतोष शर्मा उर्फ संध्या से हुई थी। बनवारी लाल अलवर की एक फैक्ट्री में ऑपरेटर का काम करता था। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। शादी के बाद दोनों को तीन बच्चे हुए। संध्या शुरू से ही लग्जरी लाइफ जीना चाहती थी, लेकिन पैसों के आभाव में उसकी ख्वाहिशें पूरी नहीं हो पा रहीं थी। वह ताइक्वांडों जानती थी, अपना खर्च निकालने के लिए वह ट्रेनर बन गई।
साल 2014 से संध्या ने बच्चों को ताइक्वांडों की ट्रेनिंग देना शुरू कर दिया। इस पेशे में वह लगातार आगे बढ़ती रही। कॉम्पिटिशन के लिए वह बच्चों को लेकर शहर से बाहर भी जाने लगी। इसी तरह के एक कॉम्पिटिशन में संध्या उदयपुर गई, यहां उसकी मुलाकात हनुमान से हुई। पहली मुलाकात में ही दोनों दोस्त बन गए। हनुमान संध्या से 10 साल छोटा था, उसकी शादी भी नहीं हुई थी। धीरे-धीरे दोनों करीब आए और फिर एक दूसरे से प्यार करने लगे।
हनुमान संध्या से मिलने के लिए अक्सर अलवर आता रहता था। अलवर में उसका एक दोस्त कपिल किराए पर कमरा लेकर रहता था, जहां हनुमान संख्या को लेकर जाता और दोनों कई घंटे साथ में बिताते। करीब ढाई साल तक हनुमान और संध्या इसी तरह मिलते रहे। कई बार कॉम्पिटिशन का बहाना बनाकर संख्या राजस्थान से बाहर भी गई। इसी बीच संध्या के पति बनवारी और बेटे मोहित को उसके अफेयर के बारे में पता चल गया।
अफेयर की बात घर पर पता चली तो बनवारी संध्या के बाहर आने-जाने पर रोक-टोक करने लगा, उसका बेटा मोहित भी मां से सवाल-जवाब करने लगा। ये सब संध्या को पंसद नहीं आ रहा था। जिसके बाद उसने ये बात अपने प्रेमी हनुमान को बताई। दोनों को लगने लगा कि अब उनका मिलना आसान नहीं होगा। जिससे वो परेशान हो गए।
इधर, लग्जरी लाइफ जीने की शौकीन संध्या को उसका पति पसंद नहीं था। बड़ा मोहित उसे लेकर रोक-टोक करने लगा था, जिससे वह उसे भी पंसद नहीं करती थी। कई-कई दिन तक घर से बाहर रहने वाली संध्या को रोक-टोक पसंद नहीं आ रही थी।इसके बाद साल 2016 में संध्या और उसके प्रेमी हनुमान ने पति बनवारी और मोहित की हत्या की योजना बनाई। क्योंकि, ये दोनों उनके अफेयर में बाधा बन रहे थे। इस हत्याकांड की साजिश में हनुमान का दोस्त दीपक और उसके मामा का लड़का कपिल भी शामिल था।
कैसे दोनों की हत्या करनी है और फिर किस तरह से शव को ठिकाने लगाना है, इसकी पूरी प्लानिंग चारों ने कर ली थी। पुलिस से नजर से बचने के लिए हनुमान ने अगस्त 2017 (हत्या से दो महीने पहले) में ही दो फर्जी सिम खरीद ली थी। एक सिम उसने अपने पास रखी और एक संध्या को दी थी। 30 सितंबर 2017 को हनुमान ने 1200 रुपये में जानवरों का काटने वाला छुरा ऑनलाइन मंगवाया था। इसके अलावा एक छुरा बाजार से भी खरीदा गया था। पुलिस को कोई सबूत ना मिलने इसके लिए ग्लव्ज भी खरीदे गए थे।
योजना के अनुसार संध्या, उसके प्रेमी हनुमान, दीपक और कपिल ने तय किया कि बनवारी लाल और मोहित की हत्या दो अक्टूबर की रात को करेंगे। हत्या के लिए हनुमान दो दिन पहले ही अलवर आ गया था। योजना के तहत हत्या से पहले पूरे परिवार को नींद की गोलियां खिलाईं जानी थी। संध्या ने रायते में मिलाकर सभी को नींच की गोलियां खिला दीं। संध्या लगातार हनुमान से फोन पर बात कर रही थी और उसे जानकारी दी रही थी।
रात करीब एक बजे हनुमान, कपिल और दीपक संध्या के घर पहुंचे। संध्या ने गेट खोलकर तीनों को अंदर बुलाया। इसके बाद उसने बताया कि बनवारी लाल शर्मा (45), बेटा मोहित (17), हैप्पी (15) अज्जू (12) और भतीजा निक्की (10) नीचे वाले कमरे में सो रहे हैं। हनुमान अपने साथियों के साथ कमरे में पहुंचा। हनुमान ने सबसे पहले बनवारी का गला काटा और उसके साथियों ने शरीर पर चाकू से एक के बाद एक कई बार किए। इसके बाद उसने मोहित का गला काट दिया। संध्या ये सब सीढ़ियों से खड़ी होकर देख रही थी। संध्या ने पुलिस को दिए अपने बयान में कहा था कि वह सिर्फ मोहित और बनवारी को ही मारना चाहती थी, लेकिन हनुमान ने सभी का गला काट दिया और उसके दोनों साथियों ने पांचों पर चाकूओं के इतने वार किए कि सभी की मौके पर ही मौत हो गई।