गर्भपात में होती हैं ये छह दिक्कतें जिनके बारे में कोई नहीं बताता
भागदौड़ वाली मॉर्डन लाइफ स्टाइल में अब अबॉर्शन यानी गर्भपात कोई अजीब और नई चीज नहीं रही। इसका सामना किसी भी महिला को करना पड़ सकता है। लेकिन कई बार ऐसा होता कि गर्भपात के दौरान होने वाली दिक्कतों सामान्य मानकर किसी से बताया नहीं जाता जोकि जानलेवा हो सकता है। जानिए ऐसी छह बातेंजिन्हें छुपाती है पीड़िता।
गर्भपात में होती हैं ये छह दिक्कतें जिनके बारे में कोई नहीं बताता
1- बहुत ज्यादा रक्त बहना-
द हेल्थ साइट के अनुसार, गर्भपात एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें इसका सामने करने वाली महिला को शारीरिक और मानसिक रूप से असह परेशानियों का सामना करना पड़ता है। गर्भपात की सबसे बड़ी दिक्कत रक्तस्राव होना है, आमतौर पर गर्भपात के दौरान रक्तपात होना एक निश्चित बात है और इसी के जरिए थक्कों के रूप में गर्भपात होता है। लेकिन रक्तस्राव इतना ज्यादा होने लगे कि एक दो घंटे में दो पैड खून से भीग जाएं तो यह ब्लीडिंग सामान्य ब्लीडिंग नहीं है। इसके लिए डॉक्टर से मिलने और उपचार की जरूरत होती है।
गर्भपात में होती हैं ये छह दिक्कतें जिनके बारे में कोई नहीं बताता
2-भयानक दर्द
रिपोर्ट के अनुसार, गर्भपात से कुछ देर पहले भयानक दर्द होता है और गर्भाशय का आकार भी कुछ बड़ा होता है जो बाद में अपनी सामान्य अवस्था में आ जाता है। लेकिन कभी-कभी यह दर्द प्रसव पीड़ा जैसे भी होता है जो तीन से चार दिन तक चलता है। इसका एक उपाय है खाने पीने में गर्मचीजों का इस्तेमाल करना और पैनकिलर्स लेना। लेकिन इन सबके बाद भी दर्द में राहत न मिले तो डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी होता है।
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3- संक्रमण
कई बार गर्भपात के कई दिन बात का गर्भाशय का रास्ता खुला रहता है जिससे संक्रमण का खतरा बना रहता है। इस दौरान पेशाब के रास्ते या गर्भाशय में संक्रमण हो कसता है। संक्रमण से बचने के लिए जरूरी है कि अगर गर्भपात के कुछ दिन बाद भी अगर देज दर्द की शिकायत हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क किया जाना चाहिए और महिला रोग विशेषज्ञ से ईलाज कराना चाहिए।
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4- बुखार
गर्भपात के बाद तेज बुखार आता है जिससे संकेत मिलता है कि गर्भपात के बाद शरीर में संक्रमण हो चुका है। अगर बुखार 100.4F से कम हो तो इस दौरान पयाप्त नींद लेना चाहिए और अगर बुखार ज्यादा हो तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।