डेटिंग ऐप के जरिये महिला मित्र बनाकर बाद में उसकी जघन्य हत्या करने वाला आफताब पूनावाला चर्चा में है। पिछले हफ्ते नोएडा में वैवाहिक ऐप के जरिए आईटी इंजीनियर महिला को फंसाकर दुष्कर्म और ठगी का एक मामला सामने आया था। ऐसी घटनाएं अपराध की भयावहता के साथ ही प्यार में अंधे होने के दुष्परिणामों के प्रति भी आगाह करती हैं। दिल्ली में हुई वारदात के बाद इन ऐप्स पर भी सवाल उठने लाजमी हैं।
एक राष्ट्रीय सर्वे के मुताबिक, कोविड के बाद कई शहरों में डेटिंग ऐप का प्रचलन 70 फीसदी तेजी से बढ़ा है। वैवाहिक साइटों के इस्तेमाल में भी 30 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ोतरी आई है। डेटिंग ऐप जैसे टिंडर, बंबल, ट्यूली मेडली व मिंगल और वैवाहिक ऐप जीवनशादी डॉटकॉम, शादी डॉट कॉम और भारत मेट्रोमनी आदि युवाओं के बीच खासा लोकप्रिय हैं। एक ओर यह ऐप रिश्तों को जोड़ने का माध्यम बनी हैं, वहीं गुनहगार मानसिकता वालों के लिए अपने शिकार तक पहुंचने का जरिया भी बनती हैं। ऐसे में प्यार में अंधा होना खतरनाक ही नहीं जानलेवा भी हो सकता है।
नोएडा के एक युवक ने आईटी इंजीनियर युवती से दोस्ती की और शादी का झांसा देकर दुष्कर्म किया। इस दौरान आरोपी ने अलग-अलग बहाने बनाकर उससे 30 लाख ठग लिए। इस मामले में सेक्टर-24 पुलिस जांच कर रही है। इससे पहले भी डेटिंग और वैवाहिक ऐप के जरिए गलत सूचनाएं देकर धोखा देने, दुष्कर्म और ठगी के कई मामले सामने हैं। जिनसे पता चलता है कि किस तरह डेटिंग ऐप से जुड़े इन रिश्तों का अंजाम कई बार कितना खतरनाक हो सकता है।
सतर्कता जरूरी, किसी पर न करें अंधा भरोसा
यूपी साइबर क्राइम के एसपी प्रो. त्रिवेणी सिंह कहते हैं कि डेटिंग ऐप्स पर केवाईसी या वेरीफिकेशन जैसे सिस्टम नहीं होते हैं। इनके जरिए ठगी, ब्लैकमेलिंग और रिश्तों में धोखाधड़ी के मामले हर सप्ताह सामने आते हैं। हाल ही में हमारे पास कई ऐसे केस आए, जहां महिलाओं ने डेटिंग ऐप पर दोस्ती की वजह से एक-दो करोड़ रुपये गंवा दिए। ऐसे ऐप में अपनी उम्र, व्यवसाय, जाति, स्थान और रिश्तों की सच्चाई के बारे में झूठ बोलना आम बात बन चुका है। जरूरी है कि इन ऐप का इस्तेमाल करते वक्त बेहद सतर्कता बरती जाए, किसी पर अंधा भरोसा ना करें। जरा सी लापरवाही आपके लिए ढेरों मुसीबतें लेकर आती हैं। मान कर चलें कि सोशल साइट्स और डेटिंग साइट्स पर आधे से अधिक जानकारियां गलत दी जाती हैं। इसलिए कोई अपने बारे में कुछ बता रहा है या मिलने बुला रहा है तो तुरंत विश्वास ना करें। साथ ही खुद से जुड़ी निजी जानकारियां भी आसानी से साझा ना करें। यदि आप डेटिंग ऐप के जरिए दोस्त बना रहे हैं तो बार-बार सूचनाओं को क्राॅसचेक करते रहें। पार्टनर की छोटी-बड़ी गतिविधियों पर ध्यान दें। कुछ भी संदेहास्पद लगने पर तुरंत सतर्क हो जाएं और किसी तरह की अप्रिय घटना के सामने आने पर पुलिस को सूचित करें।
बदलती जीवनशैली में अकेलापन और अवसाद बढ़ा
मनोचिकित्सक डॉ. मनीषा सिंघल कहती हैं कि बदलती जीवनशैली में अकेलापन और अवसाद बढ़ा है, जो लोगों को ऐसे ऐप की ओर आकर्षित कर रहा है। लोगों में मेलमिलाप सीमित होने से अब वह रिश्तों के लिए भी तकनीक और ऐप पर निर्भर होने लगे हैं, यह चिंता का कारण है। जो लोग भावनात्मक रूप से परेशान हो और किसी सहारे की तलाश में हो, उन्हें ऐसे गुनहगार जल्द ही शिकार बना लेते हैं। कई लोग अपने परिजनों से भी खुलकर मन की बातें नहीं कर पाते और ऐसे में जब कोई ऐप पर मिला अनजान उनकी बात सुनता है तो भावुक होकर उससे रिश्ता जोड़ लेते हैं। हम जिनसे भावनात्मक स्तर पर जुड़े होते हैं, उनकी गलतियों और संदेहास्पद बातों को भी कई बार नजरअंदाज कर देते हैं जो आगे चलकर बड़ी समस्या बनता है, इसलिए मानसिक और भावनात्मक मजबूती जरूरी है। अपनी व्यस्त जीवनशैली के बीच कुछ समय परिवार और अपनों के बीच जरूर बिताएं।