मप्र के मंदसौर में शुक्रवार को मुस्लिम युवक ने इस्लाम छोड़कर सनातन (हिंदू) धर्म स्वीकार किया। पशुपतिनाथ मंदिर में उनके धर्म परिवर्तन की प्रक्रिया पूरी की गई। धर्म परिवर्तन के बाद कहा कि मुझ जैसे कई लोग जो घर वापसी करना चाहते हैं उनको प्रोत्साहित करूंगा।
दरअसल इस शख्स का नाम है शेख जफर जो शुक्रवार को धर्म परिवर्तन कर चैतन्य सिंह राजपूत बन गए। अब इसी नाम से उनको जाना जाएगा। हिंदू धर्म में आस्था के चलते जफर ने धर्म परिवर्तन का निर्णय लिया था। प्रसिद्ध पशुपतिनाथ मंदिर में शुक्रवार को यह प्रक्रिया पूरी की गई और शेख जफर ने इस्लाम छोड़कर हिंदू धर्म अपनाया। इस दौरान स्थानीय विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया, सांसद सुधीर गुप्ता और मुंबई से आए महामंडलेश्वर स्वामी चिदंबरानंद सरस्वती विशेष रूप से उपस्थित थे। धर्म परिवर्तन के बाद शेख जफर ने कहा कि अब वो उन लोगों को प्रोत्साहित करेंगे जो हिंदू धर्म में आना चाहते हैं।
मंदसौर से विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने कहा कि जफर शेख का हिंदू मान्यताओं की ओर रुझान था। वे नवरात्रि में व्रत भी रखते हैं और मुस्लिम धर्म के अनुयायी होने के बावजूद हिंदू धर्म में आस्था रखते थे। उन्होंने आज हिंदू धर्म को स्वीकार किया है, मैं उनका स्वागत करूंगा। अब वे चैतन्य सिंह राजपूत के नाम से जाने जाएंगे। महामंडलेश्वर स्वामी चिदंबरानंद सरस्वती ने कहा कि यह धर्म परिवर्तन नहीं है, घर वापसी है। भारत में जितने भी मुसलमान हैं वे मूल रूप से हिंदू थे और परिवर्तित हुए थे। ऐसे में शेख जफर की हिंदू धर्म में घर वापसी हुई है। वहीं शेख जफर ने कहा कि वह हिंदू धर्म अपनाने के बाद खुद को पूर्ण महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वो प्रयास करेंगे कि उन जैसे बहुत से लोग घर वापसी की हिम्मत नहीं कर पा रहे हैं, ऐसे लोगों को वो प्रोत्साहित करेंगे ताकि वे घर वापसी कर सकें।
हिंदू युवती से की थी शादी
शेख जफर की उम्र 46 वर्ष है। महामंडलेश्वर स्वामी चिदंबरानंद सरस्वती अखिल भारतीय पंचायत अखाड़ा महानिर्वाणी संघ के महामंडलेश्वर द्वारा विधि विधान से पूजन हवन कर हिंदू धर्म की दीक्षा दी। शेख जफर से चैतन्य सिंह राजपूत बनने के बाद उन्होंने कहा कि बचपन से ही उनका झुकाव हिंदू धर्म की ओर है। इसके बाद उन्होंने हिंदू धर्म की युवती से शादी की थी। उनकी पत्नी का नाम शारदा यादव है। अब तक वे खुद को अधूरा महसूस कर रहे थे लेकिन अब हिंदू धर्म अपनाने के बाद वे पूर्ण रूप से हिंदू हो गए हैं, इससे उन्हें शांति का अनुभव हो रहा है।
उन्होंने कहा कि घर में खुला माहौल है और देश के संविधान के अनुरूप सभी अपने मर्जी से किसी धर्म के प्रति आस्था रख सकते हैं इसमें किसी को कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए और अगर होती है तो वह कट्टरता है। विश्व में सभी सनातनी लोग थे लेकिन बाद में अलग-अलग धर्मों में बैठ गए, उन्हें शुरू से ही हिंदू धर्म से गहरा लगाव है इसी के चलते वे खुद को अधूरा सा महसूस करते थे। अब धर्म परिवर्तन के बाद वे पूर्ण रूप से हिंदू है और शिव भक्त भी।