घोड़ी चढ़ गया होय, चढ़ गया छड़के मोटरकार, सेहरा सज गया होय... सेहरा सज गया जलवेदार...। जी हां, इंतजार की घड़ियां हुईं खत्म और आ गए दिन बैंडबाजा बारात के। नींद से देवताओं के जागने के साथ ही बुधवार से सहालग शुरू हो गईं। होटल, वेडिंग प्लानर, परिजनों ने मिलकर कोरोना प्रोटोकॉल के तहत तैयारियों को अंतिम रूप दिया है। कहीं इम्यूनिटी बूस्टर थाली पर जोर है तो कहीं मेहमानों को शिफ्ट में बुलाने के लिए आनन-फानन फोन और व्हाट्सएप के जरिए संदेशे भेजे गए। वहीं, मेहमानों ने भी विथ फैमिली के ट्रेंड को बदला और वर-वधू को आशीर्वाद देने चुनिंदा लोगों के जाने का ही फैसला किया। वेडिंग इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का कहना है कि होटलों की बुकिंग देख कहा जा सकता है कि बुधवार को शहर में लगभग 3000 के करीब शादियां हुई हैं। इस बार शादियों के ये दिन कई मायने में खास हैं, क्योंकि इस बार पाबंदियों के बीच सात फेरे लिए जा रहे हैं। कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण सहालग शुरू होने से ठीक पहले मेहमानों की संख्या 100 तक सीमित कर दी गई।